मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े पर सवाल उठाए। कहा- जब पूरा फिल्मोद्योग मालदीव में था तो क्या वानखेड़े का परिवार भी वहां था? वहां जाने का उनका क्या मकसद था?
उन्होंने दावा किया कि पिछले साल सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद केंद्र सरकार ने विशेष रूप से वानखेड़े को एजेंसी में नियुक्त किया था। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि एनसीबी ने सुशांत की दोस्त रिया चक्रवर्ती को झूठे मामले में फंसाया।
वानखेड़े के नेतृत्व में कुछ दिन पहले एनसीबी ने मुंबई तट के पास एक क्रूज पोत पर छापेमारी कर मादक पदार्थ बरामद किया और शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान तथा अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। मलिक का दावा है कि पोत से नशीले पदार्थ की बरामदगी का मामला झूठा है और केवल व्हाट्सऐप संदेशों के आधार पर गिरफ्तारी की गई।
राकांपा नेता के दामाद समीर खान को भी इस साल जनवरी में मादक पदार्थों के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसे पिछले महीने जमानत दे दी गई।
मलिक ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद, एनसीबी में एक विशेष अधिकारी को लाया गया। आत्महत्या का मामला सीबीआई को सौंप दिया गया लेकिन उसकी आत्महत्या या हत्या का रहस्य अभी तक नहीं सुलझा है।
उन्होंने कहा कि लेएनसीबी ने फिल्म उद्योग के साथ खेल खेलना शुरू कर दिया है। केवल व्हाट्सऐप संदेशों के आधार पर दर्जनों अभिनेताओं की एनसीबी के सामने परेड करवा दी गई।
राकांपा प्रवक्ता ने कहा, कुछ लोगों को झूठे आरोपों में फंसाने का प्रयास किया गया। कोविड-19 महामारी के दौरान, पूरा फिल्मोद्योग मालदीव में था। वह अधिकारी और उसका परिवार मालदीव और दुबई में क्या कर रहा था? इस पर समीर वानखेड़े को स्पष्टीकरण देना चाहिए।