चेन्नई। महात्मा गांधी के निजी सहायक ने करीब दो दशक पहले यह बयान देकर हलचल मचा थी कि 'हे राम' बापू के आखिरी शब्द नहीं थे। लेकिन आज उन्होंने कहा कि उस समय उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था।
वेंकट कल्याणम 1943 से 1948 तक बापू के निजी सचिव थे। उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं कहा कि गांधीजी ने हे राम नहीं बोला था। मैंने यह कहा था कि मैंने उन्हें हे राम कहते नहीं सुना...हो सकता है कि महात्मा गांधी ने वैसा कहा हो...मैं नहीं जानता।
कल्याणम अब 96 साल के हो गए हैं और वह 30 जनवरी 1948 की उस घटना का गवाह होने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि वह घटना के बाद शोरगुल के कारण वह कुछ नहीं सुन सके। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी को जब गोली लगी, हर कोई चिल्ला रहा था।
उन्होंने कहा कि मैं उस शोर में कुछ नहीं सुन सका। हो सकता है कि उन्होंने 'हे राम' बोला हो, मैं नहीं जानता। उन्होंने 2006 में कोल्लम में एक संवाददाता सम्मेलन में यह कहकर पूरे देश को चौंका दिया था कि जब नाथूराम गोडसे की गोलियां लगने से महात्मा गांधी गिर गए थे, तब उन्होंने 'हे राम' नहीं बोला था।
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने उस समय कल्याणम के बयान को खारिज कर दिया था। कल्याणम ने कहा कि गोडसे ने गांधीजी की एक बार जान ली लेकिन उनकी बातों का अनुसरण नहीं कर राजनीतिक पार्टियां हर दिन ऐसा कर रही हैं। (भाषा)