नई दिल्ली। कांग्रेस ने एक निजी टेलीविजन चैनल के 3 कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ 'सच की खोज' के लिए सरकार के दबाव में हटाए जाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को लोकसभा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से मीडिया पर पाबंदी लगाई जा रही है और ऐसी कोई भी खबर देने पर जो सरकार को नापसंद हो, उन पर कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' में किए गए दावे की 'रियलिटी चेक' करने के लिए छत्तीसगढ़ के एक गांव में संवाददाता भेजने के बाद एक निजी टेलीविजन चैनल पर इतना दबाव बनाया गया कि उसे अपने एक वरिष्ठ पत्रकार तथा 2 एंकरों को निकालना पड़ा। उन्होंने कहा कि 'रियलिटी चेक' में दावा गलत साबित हुआ था।
खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह चैनलों और मीडिया को दबाना चाहती है, जो अच्छी बात नहीं है। इसके जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ये आरोप गलत हैं। चैनल की पहली खबर गलत निकलने के बाद भी सरकार ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं होता है, तो वह हर बात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराता है। (वार्ता)