नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि चीन के अतिक्रमण से भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को खुलेआम चुनौती दी जा रही है, क्योंकि केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा कराने की मांग को लेकर अपनी बात रखते हुए उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने यह दावा किया।
उन्होंने यह भी कहा कि चीन जनवरी, 2020 में दिए गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान की आड़ ले रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है या हमारी किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है।
खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है और वे चाहते हैं कि आज के कामकाज को स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा की जाए। इस नोटिस को पढ़ते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को चीन के खुलेआम उल्लंघनों द्वारा प्रभावित किया जा रहा है, क्योंकि सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। लद्दाख के गलवान घाटी में हमारे सशस्त्र बलों की वीरता जगजाहिर है।
खड़गे ने दावा किया कि देपसांग में वाई जंक्शन तक अवैध और अकारण चीनी अतिक्रमण आज तक जारी है तथा पूर्वी लद्दाख के गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी अतिक्रमण की स्थिति भी ऐसी ही है। इतना ही नहीं, पीएलए के डिवीजनल मुख्यालय, तोपखाने के लिए हथियार आश्रय, विमानरोधी बंदूकें और बख्तरबंद वाहक सहित पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र के बगल में चीनी निर्माण की हमारी सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है।
खड़गे ने यह भी कहा कि इनके अलावा भी चीन सीमापर पर अन्य निर्माण कार्य कर रहा है। अप्रैल 2020 तक यथास्थिति सुनिश्चित करने की हमारी मांग के बावजूद चीन ने हमारे क्षेत्र को खाली करने से इंकार कर दिया है और जान-बूझकर हमारे प्रधानमंत्री के उस बयान की आड़ ले रहा है जिसमें कहा गया था, 'किसी ने भी हमारे क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है या हमारे किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है'।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि हमारे क्षेत्र से पीछे हटने के लिए चीन के साथ चल रही बातचीत में भी गतिरोध बना हुआ है और कोई नई तारीख तय नहीं की गई है। इन सबके बीच चीन द्वारा एलएसी के पार तवांग सेक्टर में हमारे क्षेत्र में घुसपैठ के अकारण प्रयास की खबरें और चिंताएं पैदा करती हैं।
खड़गे ने कहा कि डोकलाम क्षेत्र से भी चीनी अतिक्रमण की इसी तरह की अपुष्ट खबरें आ रही हैं। यह भी सर्वविदित है कि जून 2017 में डोकलाम गतिरोध के बाद चीन ने बारहमासी सड़कों और बंकरों का निर्माण किया है, जो 'चिकन्स नेक' सेक्टर में हमारी सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि चीनी अतिक्रमणों और उसकी अवैध गतिविधियों पर सदन में तत्काल चर्चा की मांग करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए बढ़ते चीनी खतरे के बारे में देश को अवगत कराना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर 9 दिसंबर को झड़प हुई जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta