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महिलाओं पर अत्याचार को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए

हमें फॉलो करें महिलाओं पर अत्याचार को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 29 अगस्त 2024 (12:47 IST)
Mallikarjun Kharge News: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने महिलाओं के खिलाफ अपराध की हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) कई बार महिला सुरक्षा पर बात कर चुके हैं, लेकिन उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ऐसा कुछ ठोस नहीं किया जिससे आधी आबादी के खिलाफ अपराधों पर अकुंश लगे।
 
'बेटी बचाओ' नहीं 'बेटी को बराबरी का हक सुनिश्चित करो' : खरगे ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया कि हमारी महिलाओं के साथ हुआ कोई भी अन्याय असहनीय है, पीड़ादायक है और घोर निंदनीय है। हमें 'बेटी बचाओ' नहीं 'बेटी को बराबरी का हक सुनिश्चित करो' चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को संरक्षण नहीं, भयमुक्त वातावरण चाहिए।

 
खरगे ने दावा किया कि देश में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 43 अपराध रिकॉर्ड होते हैं। हर दिन 22 अपराध ऐसे हैं, जो हमारे देश के सबसे कमजोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं व बच्चों के खिलाफ दर्ज होते हैं। अनगिनत ऐसे अपराध हैं जो दर्ज ही नहीं होते- डर से, भय से, सामाजिक कारणों के चलते।

 
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से दिए गए अपने भाषणों में कई बार महिला सुरक्षा पर बात कर चुके हैं, पर उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ऐसा कुछ ठोस नहीं किया जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम हो। उल्टा, उनकी पार्टी ने कई बार पीड़ित का चरित्रहनन भी किया है, जो शर्मनाक है।

 
'बेटी बचाओ' पेंट करवा देने से क्या सामाजिक बदलाव आएगा? : उन्होंने सवाल किया कि हर दीवार पर 'बेटी बचाओ' पेंट करवा देने से क्या सामाजिक बदलाव आएगा या सरकारें और कानून व्यवस्था सक्षम बनेंगी? कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि क्या हम ऐहतियाती कदम उठा पा रहे हैं? क्या हमारा आपराधिक न्याय तंत्र सुधरा है? क्या समाज के शोषित व वंचित अब एक सुरक्षित वातावरण में रह पा रहे हैं?
 
खरगे ने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार और प्रशासन ने वारदात को छिपाने का काम नहीं किया है? क्या पुलिस ने सच्चाई छिपाने के लिए पीड़िताओं का अंतिम संस्कार जबरन करना बंद कर दिया है? जब 2012 में दिल्ली में 'निर्भया' के साथ वारदात हुई तो न्यायमूर्ति वर्मा कमेटी ने ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सिफारिशें दी थीं। आज क्या उन सिफारिशों को हम पूर्णत: लागू कर पा रहे हैं?

 
उन्होंने कहा कि संविधान ने महिलाओं को बराबरी का स्थान दिया है। महिलाओं के खिलाफ अपराध एक गंभीर मुद्दा है। इन अपराधों को रोकना देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। हम सबको एकजुट होकर, समाज के हर तबके को साथ लेकर इसके उपाय तलाशने होंगे। खरगे ने जोर देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है, जब हर वह कदम उठाया जाए जिससे महिलाओं के लिए भययुक्त वातावरण सुनिश्चित हो सके।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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