कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी जैसे 'क्रूर' फैसले के खिलाफ सबसे पहले उन्होंने आवाज उठाई थी। उन्होंने सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशों से कालाधन लाने के वादे को पूरा नहीं कर पाए इसलिए नोटबंदी का स्वांग रचा गया।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार ममता बनर्जी ने कहा कि वह कालेधन, भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं लेकिन आम लोगों, छोटे व्यापारी को लेकर काफी चिंता है कि वह आने वाले दिनों में वे लोग कैसे अपने जरूरत की सामानों को खरीदेंगे। इस वित्तीय उथल-पुथल और मुसीबत से आम लोगों का नुकसान होगा।
उन्होने कहा कि हम प्रधानमंत्री से जानना चाहते हैं कि हमारे सबसे गरीब भाई-बहन, जिन्होंने एक सप्ताह कड़ी मेहनत से 500 रुपए मजदूरी हासिल की है, क्या वह आटा, चावल खरीद पाएंगे। यह एक बेरहम और लोगों, मध्यम वर्ग, कृषि सहकारी समितियां, चाय उद्यान के कामगारों, असंगठित श्रमिक क्षेत्र, दुकानदार, किसान, छोटे व्यवसायी सभी के लिए बुरी तरह से झटका है। इसका अंजाम सभी को भुगतना होगा और लोग भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि तृणमूल का मतलब जनसाधारण है। यह लोगों की आवाज है। नोटबंदी से दो से अधिक लोगों की मौत हो गयी है। इसमें अलग-अलग जाति, धर्मों के लोग हैं। ये न केवल दुखद है बल्कि अर्थव्यवस्था को खत्म करने वाला है। साल में तीन महीने दिसंबर से फरवरी तक निर्माण तथा परियोजनाओं के विकास सबसे अधिक अच्छा समय होता है। सब कुछ बंद हो गई, विकास रूक गया। चाय बागान तथा जूट मिल के मजदूर को वेतन नहीं मिल सका। परिवहन सेक्टर में काफी नुकसान हुआ। (भाषा)