Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बंगाल 2021 : ममता बनर्जी का जादू रहा कायम, भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण रही स्थिति

हमें फॉलो करें बंगाल 2021 : ममता बनर्जी का जादू रहा कायम, भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण रही स्थिति
, बुधवार, 29 दिसंबर 2021 (19:12 IST)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में दिया नारा 'खेला होबे' इस पूरे साल चर्चा का केन्द्र बना रहा, वहीं सत्ता में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस की वापसी और भाजपा की हार के बीच राज्य में राजनीतिक उथर-पुथल देखी गई।

राज्य विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। हालांकि नंदीग्राम सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बड़ा उलटफेर करते हुए नंदीग्राम सीट पर बनर्जी को मात दी। बाद में बनर्जी ने अपने गढ़ भवानीपुर में उपचुनाव में रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की। बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा ने राज्य को हिलाकर रख दिया और चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप भी लगाए गए।

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल पुलिस का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच कर रहा है, जिसमें कई लोग हताहत हुए और मकानों तथा कई इमारतों में आग लगा दी गई थी।
webdunia

मुख्य विपक्षी दल भाजपा की चुनावी रैलियों में उसके लगभग सभी शीर्ष नेताओं ने हिंदुत्व की बात की। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने भगवा पार्टी को रोकने के लिए बांग्ला गौरव का आह्वान किया और 294 सदस्‍यीय विधानसभा में 213 सीट पर जीत हासिल की। वहीं भाजपा को 77, निर्दलीय और आईएसएफ के उम्मीदवार को एक-एक सीट मिली।

‘करो या मरो’ वाले विधानसभा चुनाव में, 34 साल तक बंगाल पर शासन करने वाला वाम मोर्चा खाता भी नहीं खोल पाया और कांग्रेस के हाथ भी एक सीट भी नहीं आई। बंगाल में बड़ी जीत के बाद जोश से भरी तृणमूल ने त्रिपुरा, मेघालय और गोवा में भी अपनी पार्टी का विस्तार करने की तैयारी शुरू कर दी है।

चुनाव के बाद भी, बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच गतिरोध सालभर जारी रहा। नई सरकार के शपथ ग्रहण करने के एक सप्ताह के भीतर, सीबीआई ने ‘नारद स्टिंग ऑपरेशन’ मामले में दो मंत्रियों (एक तृणमूल विधायक और पार्टी के एक पूर्व नेता) को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद पार्टी ने नरेंद्र मोदी नीत केन्द्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

राजनीतिक उथर-पुथल के अलावा राज्य को इस साल कोविड-19 के प्रकोप का भी सामना करना पड़ा। राज्य में 28 दिसंबर तक कोविड-19 के 16 लाख से अधिक मामले सामने आए और अभी तक संक्रमण से 19,733 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए तृणमूल ने चुनाव आयोग के आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के निर्णय को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं प्राकृतिक आपदा से भी राज्य त्रस्त रहा और चक्रवात ‘यास’ से कई लोगों की मौत हुई और काफी तबाही भी मची। राज्य सरकार और केन्द्र के बीच कटुता तब एक नए स्तर पर पहुंच गई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चक्रवात ‘यास’ पर की गई एक समीक्षा बैठक में बनर्जी शामिल नहीं हुईं।

वहीं चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की सफलता जारी रही और पार्टी ने कोलकाता नगर निगम चुनाव में 144 वार्ड में से 134 पर जीत हासिल की। राज्य सरकार ने इस साल यूनेस्को से कोलकाता की दुर्गा पूजा को अमूर्त विरासत का दर्जा देने का भी अनुरोध किया।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Diavol रैनसमवेयर का अटैक, कम्प्यूटर हैक कर मांग सकता है रुपए, सरकार ने जारी की चेतावनी