बंगाल में 'ममता लहर', तमिलनाडु में 'जया घोष', असम में 'कमल' खिला, केरल हुआ 'लाल'
नई दिल्ली , गुरुवार, 19 मई 2016 (12:23 IST)
नई दिल्ली। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना में सबसे रोचक परिणाम पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से मिले हैं, जहां बंगाल में सत्तासीन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने पिछली बार से भी कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए लगभग तीन-चौथाई बहुमत का आंकड़ा छू लिया, वहीं तमिलनाडु में तमाम एक्जिट पोल के उलट जनता ने वर्ष 1984 के बाद पहली बार किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता तक पहुंचाया है। असम पर भाजपा का कब्जा हो गया है और किसी पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार भाजपा सत्ता हासिल करने में सफल रही।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ जे. जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक को इस बार भी स्पष्ट बहुमत मिला है जिससे एम. करुणानिधि की पार्टी द्रमुक के साथ मिलकर लड़ रही कांग्रेस का सत्ता हासिल करने का ख्वाब टूट गया। उधर, केरल में भी कांग्रेस-नीत यूडीएफ के हाथ से सत्ता छिन गई और वाम गठबंधन एलडीएफ को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिला है।
पश्चिम बंगाल की चुनावी मतगणना से एक और दिलचस्प बात यह सामने आई है कि वहां वामदल तीसरे नंबर पर खिसक गया है जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को उनसे ज्यादा सीटें मिली है। भाजपा राज्य में अपनी पैठ बनाने में कामयाब होती दिख रही है और वह 4 सीटें हासिल करने की ओर बढ़ रही है।
असम पर भाजपा का कब्जा हो गया है और किसी पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार भाजपा सत्ता हासिल करने में सफल रही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम परिणामों को अभूतपूर्व और ऐतिहासिक जीत बताया है और पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं एवं मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल को बधाई दी।
कांग्रेस के लिए पुडुचेरी एकमात्र राज्य है, जहां पार्टी को कुछ सांत्वना मिली है और वह जीत हासिल करने के करीब पहुंच गई है।
असम में पिछले 15 साल से सत्ता में रही कांग्रेस को नकारकर जनता ने पहली बार भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन पर भरोसा जताया। भाजपा मिशन 84 के साथ चुनाव में उतरी थी और अब तक प्राप्त रुझानों में कुल 126 सीटों में से भाजपा गठबंधन 89 सीटों पर बढ़त लिए हुए है।
पिछले चुनाव में केवल 5 सीटें जीतने वाली भाजपा अब तक निकले परिणामों में 12 सीटें जीत चुकी है और अकेले दम पर 51 सीटों पर आगे चल रही है। उसकी सहयोगी असम गण परिषद 3 सीटें जीत चुकी है और 11 पर आगे चल रही है। बोडो पीपुल्स फ्रंट 3 सीटें जीत चुकी है और 9 पर आगे चल रही है।
पिछले चुनाव में 78 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस इस बार अब तक 3 सीटें जीत चुकी है और 20 सीटों पर आगे चल रही है। बदरुद्दीन अजमल की कमान में एआईयूडीएफ 2 सीट जीत चुकी है और 10 सीटों पर आगे है तथा 2 सीटों पर निर्दलीय आगे चल रहे हैं।
4 राज्यों और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तमिलनाडु में सामने आई है, जहां अन्नाद्रमुक ने शानदार जीत हासिल की है। हालांकि मतदान बाद के सर्वेक्षणों में उसके सत्ता से बाहर जाने की भविष्यवाणियां जोर-शोर से की गई थीं।
जयललिता की अगुवाई में अन्नाद्रमुक ने भी नया चुनावी इतिहास रच दिया। 1989 के बाद से तमिलनाडु की जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता नहीं सौंपी थी लेकिन अबकी बार यह परंपरा टूट गई। 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक अब तक 13 सीटें जीत चुकी है और 114 पर आगे चल रही है।
वहीं एम. करुणानिधि की पार्टी द्रमुक ने 11 सीटें जीत ली है और 82 पर उनके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। कांग्रेस ने 1 सीट जीती है और 8 पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। आईयूएमएल 1 सीट पर आगे चल रही है जबकि पीएमके 1 सीट और पुथिया तमिलगम 1 सीट पर आगे चल रही है।
विजयकांत की डीएमडीके की अगुवाई में तीसरे मोर्चे की पार्टियां विफल साबित हुई हैं। यहां तक कि स्वयं अभिनेता से नेता बने विजयकांत अपनी सीट पर पिछड़ रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पिछले चुनाव के मुकाबले अपनी सीट तालिका को मजबूती प्रदान करते हुए न केवल सत्ता पर कब्जा बरकरार रखा बल्कि दो-तिहाई बहुमत की ओर बढ़ती दिख रही है।
वर्ष 2011 में कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर 184 सीटें जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस अभी तक 52 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है और 161 पर आगे चल रही है। (भाषा)
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