वॉशिंगटन। लाल ग्रह पर झील के सूखने पर बचे संभावित लवणीय खनिजों की पहचान के लिए नासा का मंगल रोवर क्यूरोसिटी क्रिस्टलयुक्त चट्टान की खुदाई करेगा। यह जानकारी नासा में कार्यरत भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक ने दी है।
‘मोजावे’ नामक इस लक्ष्य में बहुत सी अत्यधिक सूक्ष्म संरचनाएं हैं, जो कि चावल से भी बारीक हैं। ये संरचनाएं खनिज क्रिस्टल जैसी लगती हैं।
इनकी संरचना के अध्ययन के अवसर ने क्यूरोसिटी विज्ञान दल को मंगल के गेल क्रेटर पर चट्टान खुदाई के 29 माह पुराने अभियान का अगला लक्ष्य मोजावे को ही बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
नासा की कैलीफोर्निया स्थित जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में क्यूरोसिटी के परियोजना वैज्ञानिक अश्विन वसावादा ने कहा कि मोजावे की शुरुआती तस्वीरों में क्रिस्टल वाली आकृतियां दिखती प्रतीत हो रही हैं लेकिन हम नहीं जानते कि वे क्या दर्शाती हैं।
इस सप्ताह क्यूरोसिटी एक ‘मिनी ड्रिल’ परीक्षण शुरू कर रहा है, जो चट्टान को गहराई तक खोदे जा सकने की उपयुक्तता का आकलन करेगा। गहराई तक खुदाई के जरिए रोवर पर ही प्रयोगशाला परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किए जाते हैं।
वसावादा ने कहा कि क्या वे एक झील सूखने पर बचे खनिज क्रिस्टल हैं? या वे चट्टान के जरिए होकर बहने वाले द्रवों के कारण फैले हैं? इन दोनों ही मामलों में द्रव ने मूल खनिजों को किसी और चीज से मिटा या हटा दिया होगा। (भाषा)