Manipur Violence : मणिपुर की राजधानी इंफाल में सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच झड़प में 2 घायल हो गए। भाजपा नेताओं के घरों में आग लगाने की कोशिश को गई। इस बीच वहीं एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने मणिपुर के मौजूदा हालात की तुलना सीरिया और लीबिया जैसे हिंसाग्रस्त देशों से कर दी। वहीं पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने केंद्र सरकार से मणिपुर के हालात पर तुरंत ध्यान देने की अपील की है।
मणिपुर से ताल्लुक रखने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने ट्वीट कर कहा, मैं एक आम भारतीय हूं और एक रिटायर्ड जिंदगी जी रहा हूं। राज्य में कानून व्यवस्था समाप्त हो चुकी है। लोगों की जिंदगी, उनकी संपत्ति कभी भी किसी के द्वारा नष्ट की जा सकती है जैसे कि लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया और सीरिया आदि देशों में। ऐसा लग रहा है कि मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन भी रहा है?
इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि मणिपुर के एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल से बात हुई और वह बहुत दुखी थे। मणिपुर में कानून व्यवस्था पर शीर्ष स्तर पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में 3 मई से अब तक जातीय हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। केंद्र ने राज्य में हिंसा पर काबू पाने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की है लेकिन काफी कोशिशों और शांति की अपील के बावजूद हालात सामान्य नहीं हो पा रहे हैं।
3 मई को ये हिंसा तब शुरू हुई जब मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के ख़िलाफ़ राज्य के कुकी समेत दूसरे जनजातीय समुदाय ने रैली निकाली जो बाद में हिंसक हो गई।
उन्होंने मैतेई समुदाय पर हमले किए। जवाब में मैतेई समुदाय ने भी अपनी बदले की कार्रवाई शुरू कर दी और मैतेई बहुल इलाक़ों में रह रहे कुकी समुदाय के लोगों के घर जला दिए गए और उन पर हमले किए गए। इन हमलों के बाद मैतेई बहुल इलाकों में रहने वाले कुकी और कुकी बहुल इलाकों में रहने वाले मैतेई अपने-अपने घर छोड़कर जाने लगे।