नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को अपनी किताब‘चेंजिंग इंडिया’की लांचिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मैं ऐसा पीएम था जो मीडिया से बात करने में घबराता नहीं था।
खुद के मौन रहने के आरोपों पर पूर्व पीएम ने कहा कि 'लोग कहते हैं मैं मौन प्रधानमंत्री था. लेकिन मेरी किताब (चेंजिंग इंडिया) इस बारे में खुद बोलेगी। मैं कभी ऐसा पीएम नहीं था जो प्रेस से बात करने में घबराए। मैं नियमित रूप से प्रेस से मिलता था और हर विदेश यात्रा के बाद वापसी पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करता था।
मनमोहन सिंह ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा ‘पावर हाउस’ बनना भारत के भाग्य में लिखा है। जाने-माने अर्थशास्त्री सिंह ने कहा कि 1991 के बाद से भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर औसतन 7 प्रतिशत बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि सभी बाधाओं और व्यवधानों के बावजूद भारत सही दिशा में बढ़ता रहेगा। भारत के भाग्य में है कि वह वैश्विक अर्थव्यवस्था का पावर हाउस बने।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके सिंह ने केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार के संबंधों के बारे में कहा कि ‘रिजर्व बैंक और सरकार का संबंध पति-पत्नी के संबंध की तरह है। दोनों के बीच मतभेदों को निपटाना जरूरी होता है ताकि दोनों सामंजस्य के साथ काम कर सकें।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और आरबीआई के संबंध ‘पति-पत्नी’ की तरह हैं और विचारों में मतभेद का समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान तालमेल के साथ काम कर सकें। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उसका समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम कर सकें।
उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है कि जब रिजर्व बैंक के आरक्षित धन के स्तर व लघु व मझोले उद्यमों के लिए कर्ज के नियम आसान बनाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय बैंक व वित्त मंत्रालय के बीच मतभेदों की चर्चा के बीच उर्जित पटेल ने आरबीआई के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया। (भाषा)