Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मनमोहन सिंह ने 7 माह पहले लिखी थी वोटर्स को चिट्ठी, पीएम मोदी को लेकर क्या कहा?

हमें फॉलो करें मनमोहन सिंह ने 7 माह पहले लिखी थी वोटर्स को चिट्ठी, पीएम मोदी को लेकर क्या कहा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024 (07:50 IST)
Manmohan singh : इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्वास्थ्य ठीक नहीं था लेकिन चुनाव के बीच उन्होंने मतदाताओं को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर घृणास्पद भाषण देकर सार्वजनिक विमर्श की गरिमा और प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम करने का आरोप लगाया था। इस तरह उन्होंने एक प्रकार से संकेत दिया था कि खराब स्वास्थ्य के बावूजद उनके अंदर का राजनेता पूरे जोश में है। ALSO READ: मनमोहन सिंह को क्यों माना जाता है भारत के आर्थिक उदारीकरण का वास्तुकार?
 
सिंह ने लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के तहत एक जून को होने वाले मतदान से पहले पंजाब के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा था कि केवल कांग्रेस ही एक ऐसा विकासोन्मुख प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा होगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अग्निपथ योजना को लागू करने के लिए भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा था और इसे उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
 
पंजाब के मतदाताओं को लिखे इस पत्र में उन्होंने कहा था कि भाजपा सोचती है कि देशभक्ति, शौर्य और सेवा का मूल्य केवल चार साल है। यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है। कांग्रेस ने पंजाब में लोकसभा चुनाव से पहले लिखे गए सिंह के इस पत्र को 30 मई को मीडिया को जारी किया था। सिंह ने कहा था कि नियमित भर्ती के लिए प्रशिक्षण लेने वालों को निवर्तमान सरकार ने बुरी तरह धोखा दिया है।
 
पत्र में उन्होंने कहा था कि सशस्त्र बलों के माध्यम से मातृभूमि की सेवा करने का सपना देखने वाला पंजाब का युवा, किसान का बेटा अब केवल 4 साल के कार्यकाल के लिए भर्ती होने के बारे में दो बार सोच रहा है। अग्निवीर योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अग्निवीर योजना को खत्म करने का वादा किया है। ALSO READ: सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक थे मनमोहन, आर्थिक नीति पर गहरी छाप छोड़ी : PM मोदी
 
मोदी पर हमला बोलते हुए सिंह ने कहा था कि मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक संवाद पर करीबी नजर रख रहा हूं। मोदी जी नफरत फैलाने वाले भाषणों के सबसे शातिर रूप में लिप्त हैं, जो प्रकृति में विशुद्ध रूप से विभाजनकारी हैं। मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक संवाद की गरिमा को कम किया है और इस तरह प्रधानमंत्री के पद की गंभीरता को कम किया है।
 
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने इस तरह के घृणास्पद, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है जो कि समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के मकसद से किए गए हों। उन्होंने मेरे लिए कुछ गलत बयान भी दिए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। यह भाजपा का एकमात्र कॉपीराइट है। भारत के लोग यह सब देख रहे हैं।
 
उन्होंने मतदाताओं से भारत में प्यार, शांति, भाईचारे और सद्भाव को एक मौका देने की अपील की थी और पंजाब के मतदाताओं से विकास और समावेशी प्रगति के लिए मतदान करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि केवल कांग्रेस ही विकासोन्मुख प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जाएगी। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मनमोहन सिंह को क्यों माना जाता है भारत के आर्थिक उदारीकरण का वास्तुकार?