नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय देश के जांबाज सैनिकों को देने के बजाय आरएसएस की विचारधारा को दिए जाने को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष ने रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को आड़े हाथों लिया और कहा कि संसद का सत्र जारी रहने पर उन्हें नीतिगत बयान संसद के बाहर नहीं देना चाहिए।
शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में कांग्रेस के शांताराम नायक ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि विभिन्न मंचों पर हाल ही में पर्रिकर ने कुछ बयान दिए हैं, जो चिंताजनक हैं। जब नाइक ने यह मुद्दा उठाया तब सदन में पर्रिकर मौजूद थे। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि रक्षामंत्री ने पहले तो झूठे दावे किए कि भारत ने पहले कभी सर्जिकल स्ट्राइक की ही नहीं।
रक्षामंत्री ने पाकिस्तान के अतिक्रमण वाले तत्कालीन बांग्लादेश में की गई उस स्ट्राइक का जिक्र ही नहीं किया जिसके बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था। यह कार्रवाई तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में की गई थी।
नाइक ने यह भी आरोप लगाया कि रक्षामंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय देश के जांबाज सैनिकों को देने के बजाय आरएसएस की विचारधारा को दिया। उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री को इस तरह के बेतुके बयान देकर देश का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
हाल ही में एक किताब के विमोचन के दौरान परमाणु सिद्धांत पर रक्षामंत्री द्वारा दिए गए एक कथित बयान का संदर्भ देते हुए नाइक ने कहा कि रक्षामंत्री ने अपनी निजी राय जाहिर की जो कि परमाणु हथियारों का पहले उपयोग न करने की भारत की नीति से बिलकुल विपरीत है। कई रणनीतिकारों ने इस पर प्रतिकूल टिप्पणी की। (भाषा)