नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश भर में अभी 8900 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं जिनसे प्रतिदिन करीब 20 लाख लोग सस्ती दवाइयां खरीद रहे हैं।
रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का मकसद सभी लोगों को, खास कर गरीबों और वंचितों को वहनीय कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां मुहैया कराना है।
मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के मालिक 15000 रुपए प्रति माह की अधिकतम सीमा के अधीन 15 प्रतिशत मासिक खरीद की दर से प्रोत्साहन के पात्र होते हैं। इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीपीय क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों के रूप में उल्लेखित पिछड़े क्षेत्रों में अथवा महिला उद्यमी, दिव्यांग लोगों द्वारा द्वारा खोले गए जन औषधि केंद्रों को दो लाख रुपए का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाता है।
मंत्रालय के अनुसार जन औषधि केंद्र स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार प्रदान करता है और विभिन्न स्तरों पर रोजगार सृजन करता है और मंत्रालय का लक्ष्य मार्च, 2024 तक देश में कुल 10,000 जन औषधि केंद्र खोलने का है।
Edited by : Nrapendra Gupta