Gyanvapi Case : इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कार्य शुरु कर दिया। आज ज्ञानवापी परिसर की मैपिंग और फोटोग्राफी की गई है। सर्वेक्षण टीम कल सुबह 8 बजे अपना काम फिर से शुरू करेगी, जो शाम 5 बजे समाप्त होगा।
सर्वे से अलग रहे मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एएसआई को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया।
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि एएसआई की 43 सदस्यीय टीम कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह करीब सात बजे ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई और काम शुरू किया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
हिंदू पक्ष के ही एक अन्य अधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज की वजह से सर्वेक्षण का कार्य दोपहर 12 से दो बजे तक के लिए रोका गया, दो बजे के बाद काम फिर शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि आज ज्ञानवापी परिसर की मैपिंग और फोटोग्राफी की गई है।
सर्वेक्षण टीम दोपहर 2 बजे के बाद काम पर वापस आ गई और शाम को पांच बजे तक दिन का काम अभ्यास समाप्त करके बाहर आ गई। सर्वेक्षण टीम के साथ आए सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने कहा कि एएसआई टीम ने शुक्रवार को दिनभर के काम के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की फोटोग्राफी और मैपिंग की।
मिश्रा ने कहा कि सर्वेक्षण टीम कल सुबह आठ बजे अपना काम फिर से शुरू करेगी, जो शाम पांच बजे समाप्त होगा। सर्वेक्षण कार्य के दौरान अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने वाले मुस्लिम पक्ष ने सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, लेकिन न्यायालय ने सर्वे कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17 वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड की कार्रवाई से मना कर दिया।
पीठ ने एएसआई और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया कि सर्वेक्षण के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही संरचना को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)