बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार को बेनामी संपत्ति की शिकायत के बाद आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। अब उनकी संपत्ति की जांच की जाएगी। उनके अलावा नोएडा के कई बिल्डर्स को भी नोटिस भेजे गए हैं।
आनंद कुमार पर बेनामी संपत्ति के लिए सांठगांठ करने का आरोप लगाया गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों से पहले मायावती के लिए यह झटका है। मायावती के भाई आनंद कुमार ने रियल इस्टेट में पैसा लगा रखा है। उनके खिलाफ पहले भी अवैध ट्रांजेक्शन के आरोप लग चुके हैं। मायावती की सरकार के समय तो वे 50 कंपनियों के मालिक थे। इस दौरान उन्होंने 760 करोड़ रुपये का कैश लेनदेन किया था।
गौरतलब है कि मायावती पर भी आय से अधिक संपत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। हालांकि बीएसपी के ही पूर्व सदस्य कमलेश वर्मा द्वारा दायर एक याचिका में मायावती के खिलाफ फिर से एफआईआर दर्ज करनी की दरख्तवास्त की थी लेकिन उस वक्त केंद्र सरकार ने मायावती का बचाव किया था।
गौरतलब है कि ताज हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट नवंबर 2002 में मायावती की सरकार के दौरान शुरू हुआ था। 175 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में ताजमहल से लेकर आगरा फोर्ट तक के दो किलोमीटर के रास्ते पर एक कॉरिडोर यानि गलियारा बनाने की बात की गई थी। 17 करोड़ रुपये जारी करने के घोटाले पर 2003 में एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। 2007 में सीबीआई ने मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित कई अधिकारियों को घोटाले का आरोपी बनाकर चार्जशीट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी
उक्त संबंध में एक याचिका दायर कर इसकी जांच की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की मांग है कि ताज कॉरीडोर घोटाले की जांच के मामले में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर मायावाती के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए, लेकिन अभी तक ऐसे नहीं हो सका।