लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अब एक नया दांव खेलते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक, 2018 पारित होने के बाद देश में गरीब मुस्लिमों के लिए अलग से आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग भी उठा दी है।
खबरों के मुताबिक, सोमवार को लोकसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक, 2018 के पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इसका स्वागत किया और इस बिल के राज्यसभा में भी पास होने की उम्मीद जताई। इसी बीच उन्होंने देश में गरीब मुस्लिमों के लिए अलग से आरक्षण व्यवस्था को लागू करने की मांग की।
उन्होंने कहा, बहुजन समाज पार्टी लोकसभा में इस बिल के पास होने के बाद सभी सदस्यों को धन्यवाद करती है। यह बिल राज्यसभा में भी पास होगा और इससे दलित वर्ग के लोगों को काफी मदद मिल सकेगी। उन्होंने कहा, लोकसभा में इस विधेयक का पास होना 2 अप्रैल को हुए भारत बंद का एक परिणाम है। जिसके कारण केंद्र सरकार पर इस बिल को पास कराने का दबाव भी बढ़ा।
मायावती ने कहा कि मैं इस सफलता का श्रेय सारे देश के लोगों को देती हूं, जिसमें एक बड़ी संख्या में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इस संशोधन के जरिए सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश निष्प्रभावी हो जाएगा, जिसके तहत एससी/एसटी अत्याचार निवारण के मामले में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी। यह संशोधन विधेयक लोकसभा में केंद्रीय न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने पिछले सप्ताह पेश किया था।