तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई। इस एक्सीडेंट के बाद से कई रिपोर्ट सामने आ रही हैं और हादसे को लेकर कई तरह की बातें बताई जा रही हैं।
कुछ रिपोर्ट्स में ये भी सामने आया है कि हादसे से पहले विमान के चालक ने विपत्ति का संकेत मेडे जारी नहीं किया था, जो इमरजेंसी के वक्त जारी किया जाता है।
आखिर ये मेडे कॉल क्या है और इसका इस्तेमाल कब किया जाता है। क्यों इमरजेंसी के वक्त Mayday का ही इस्तेमाल किया जाता है।
Mayday एक तरह का कॉल होता है, जो इमरजेंसी के वक्त प्लेन या शिप के स्टाफ की ओर से कंट्रोल रूम को किया जाता है। सीधे शब्दों में समझें तो जब कोई प्लेन या शिप अपने गंतव्य जा रहा होता है और रास्ते में कोई इमरजेंसी की स्थिति आ जाती है, जिससे प्लेन या शिप में बैठे व्यक्तियों को दिक्कत हो सकती है तो स्टाफ की ओर से कंट्रोल रूम को इस इमरजेंसी का जानकारी दी जाती है ताकि उनकी ओर से कोई मदद की जा सके। इसे डिस्ट्रेस कॉल कहा जाता है, जो इमरजेंसी के वक्त भेजी जाने वाली सूचना है।
ये कॉल प्लेन या शिप के स्टाफ की ओर से भेजा जाता है। इस कॉल में खास तरीके से Mayday बोला जाता है। एक के बाद एक ठीक तीन बार Mayday बोला जाता है, ताकि जो सुन रहा है, उसे कोई गलतफहमी ना हो या वो इसका कोई और मतलब ना निकाल ले। इस शब्द को जोर-जोर से बोला जाता है। इसके बाद जो भी मुश्किल होती है या जिस दिक्कत का सामना किया जा रहा है, उसकी जानकारी दी जाती है।
इस शब्द की शुरुआत साल 1920 के आसपास हुई थी। अब सवाल है कि आखिर इमरजेंसी के दौरान पायलट Mayday ही क्यों बोलता है?
दरअसल, यह शब्द फ्रेंच से लिया गया है। फ्रेंच में एक शब्द है maider, जिसका मतलब है “help me”
ऐसे में फ्रेंच में मदद के लिए maider का यूज किया जाता है और venez maider का मतलब है “come help me”
इसके बाद ही अमेरिका की ओर से Mayday को इमरजेंसी के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा और इसे लगातार तीन बार बोला जाता है।
इससे पहले SOS का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता था, जिसका मतलब है save our souls. हालांकि अब एसओएस से ज्यादा Mayday का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कई जगह इमरजेंसी में Pan-pan का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसमें फ्रेंच वर्ड panne का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब ब्रेकडाउन है।