नई दिल्ली। मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में भले ही हिंदुत्व के प्रचारक स्वामी असीमानंद और चार अन्य को बरी कर दिया गया है, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोर्ट में एनआईए की ओर से पैरवी करने वाले वकील एन हरिनाथ का कनेक्शन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ा होने की बात सामने आई है।
इंडियन एक्सप्रेस के एक समाचार में दावा किया गया है कि एन हरिनाथ छात्र जीवन में आरएसएस से संबंधित संगठन ABVP से जुड़े रहे और हैदराबाद में इसे मजबूत करने में अहम रोल निभा चुके हैं। विदित हो कि एन हरिनाथ ने खुद स्वीकार किया है कि वे ABVP से जुड़े हैं।
एन हरिनाथ साल 2015 से इस मामले में एनआईए के वकील के तौर पर कोर्ट में पैरवी कर रहे थे। समाचार पत्र से बातचीत में हरिनाथ ने बताया, 'मैं लॉ सेकेंड इयर में था तभी मैंने ABVP को ज्वाइन किया था। मैं तब से इस संगठन में चंदा दे रहा हूं, हालांकि बीजेपी से मेरा कोई वास्ता नहीं है।' इस संबंध में जब NIA से संपर्क किया गया तो एजेंसी की ओर से कुछ भी कहने से मना कर दिया गया।
हालांकि हरिनाथ का कहना है कि इस केस को लेकर उनपर किसी तरह का दबाव नहीं था। हम हमेशा चाहते थे कि दोषियों को सजा मिले। जब मुझे साल 2015 में यह केस मिला तब ट्रायल शुरू होने वाला था। मेरे आवेदन पर हुई स्क्रुटनी की प्रक्रिया के बाद मैं एनआईए से जुड़ गया था। मैंने तब अपने पिछले केसों की सूची मुहैया कराई थी।
इस मामले में हिंदुत्व के प्रचारक स्वामी असीमानंद और चार अन्य को बरी करने वाले न्यायाधीश का इस्तीफा स्वीकार हुआ अथवा नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। हैदराबाद उच्च न्यायालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को सार्वजनिक नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'मुद्दे पर नहीं बोलने के निर्देश जारी किए गए हैं।'