4 नवंबर को मॉडल एक्टर मिलिंद सोमन का जन्मदिन था, इस मौके पर उन्होंने पूरी तरह से न्यूड होकर गोवा के एक बीच पर दौड़ लगाई। जैसा कि वे मैराथन के लिए जाने ही जाते हैं। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर उन्होंने वो तस्वीर लगाई जिसमें वे नंगे होकर भाग रहे हैं। इसके बाद क्या था, सोशल मीडिया का टेंपरेचर हाई हो गया।
किसी ने कहा वॉऊ तो किसी ने कहा ऑसम। तो कोई बोला ये क्या है। किसी ने प्रतिक्रिया दी तो किसी ने आलोचना की। हालांकि ज्यादातर लोगों ने मिलिंद सोमन की तारीफ की कि 55 की उम्र में भी वे इस तरह मैराथन कर सकते हैं और इतने फिट हैं।
वहीं दूसरी तरफ मॉडल पूनम पांडे ने चपोली डैम पर एक वीडियो शूट किया था, जिसमें उन्होंने पार्टली कपड़े पहन रखे हैं। लेकिन गोवा के कनाकोना पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज़ कराई गई है। जिसमें कहा गया है कि पूनम पांडे का अश्लील वीडियो शूट किया है। इसके अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी की महिला विंग ने भी पूनम पांडे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
अब इन दोनों एक जैसे मामलों को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है। मिलिंद सोमन और पूनम पांडे दोनों एक्टर और मॉडल हैं, सोमन पूरी तरह से न्यूड होकर दौड़े तो पूनम पांडे ने कुछ कपड़ों के साथ वीडियो शूट करवाया। लेकिन मिलिंद सोमन की तारीफ हो रही है और पूनम की आलोचना। इतना ही नहीं, पूनम के खिलाफ अश्लीलता के आरोप के साथ एफआईआर हो गई है।
लोग कह रहे हैं कि यह भेदभाव क्यों। दोनों ने एक जैसा काम किया, लेकिन पुरुष होने के नाते मिलिंद की तारीफ और पूनम पर एफआईआर क्यों। ये हिपोक्रेसी आखिर क्यों।
स्क्रीन राइटर अपूर्व असरानी ने लिखा,
सोमन और पूनम दोनों ने कपड़े उतारे, सोनम ने पूरी तरह से जबकि पूनम ने पार्टली। पूनम कानूनी तौर पर उलझ गई और सोमन की तारीफ हो रही है। मुझे लगता है कि अपनी न्यूड महिलाओं के बजाए न्यूड पुरुषों के साथ ज्यादा विनम्र हैं।
श्रुति चतुर्वेदी ने लिखा,
पूनम पांडे पर सॉफ्ट वीडियो के लिए एफआईआर और मिलिंद सोमन से किसी को परेशानी नहीं हुई। लगता है हम सच में अपनी महिलाओं से नफरत करते हैं।
एक्टर पारुल यादव ने लिखा,
हिपोक्रेसी चरम पर है। क्यों एक मर्द की तारीफ हो रही है और औरत को गिरफ्तार किया जा रहा है एक जैसा ही काम करने के लिए। यहां भी यह असमानता क्यों है।
एक यूजर ने कहा,
मिलिंद करे तो चंगा, पूनम करे तो दंगा
कुल मिलाकर ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यह मामला पूरी तरह से गर्मा रहा है। लोग कह रहे हैं कि जब आदमी और औरत दोनों एक जैसा काम कर रहे हैं तो सिर्फ औरत को ही क्यों सजा दी जा रही है। यह असमानता आखिर औरतों के साथ और किस किस तरह से दर्शाई जाएगी।