क्या झारखंड में भी होगा खेला? JMM में उभरे विरोध के स्वर
चंपई सोरेन को 5 फरवरी को साबित करना होगा सदन में बहुमत
Jharkhand Political Crisis: झारखंड में चंपई सोरेन ने भले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा का संकट अभी पूरी तरह टला नहीं है। अब चंपई के खिलाफ पार्टी में ही बगावत के स्वर उठने लगे हैं। पार्टी के विधायक लोबिन हेम्ब्रम के तेवरों ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। इस बीच, पार्टी के विधायक खरीद-फरोख्त के डर के चलते हैदराबाद पहुंच गए हैं। झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार 5 फरवरी को विश्वास मत हासिल करेगी। इस बीच, अटकलें हैं झारखंड में भी बिहार जैसा 'खेला' हो सकता है।
दरअसल, हेमंत सोरेन के इस्तीफे और गिरफ्तारी के बाद पार्टी की अंतरर्कलह खुलकर सामने आ गई है। 'टाइगर' के नाम से मशहूर चंपई सोरेन को शिबू सोरेन का भरोसेमंद होने के चलते राज्य की सत्ता सौंपी गई, लेकिन हेम्ब्रम के तेवरों ने पार्टी की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
हेम्ब्रम ने किया चंपई का विरोध : उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संथाल परगना से होना चाहिए था, लेकिन कोल्हान से जीते हुए चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया है, जो उचित नहीं है। बोरिया से विधायक हेम्ब्रम ने यह भी सवाल उठाया कि क्या संथाल परगना में आदिवासी नेता नहीं हैं? उन्होंने कहा कि बाहरी लोग झामुमो पर कब्जा कर रहे हैं।
विश्वासमत के दिन वोटिंग के मुद्दे पर हेंब्रम ने कहा कि जब वोटिंग का समय आएगा, तब देखा जाएगा। दूसरी ओर, पार्टी के एक और विधायक विधायक चमरा लिंडा भी पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं।
40 विधायक हैदराबाद पहुंचे : कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि करीब 40 विधायक बेगमपेट हवाई अड्डे पर पहुंचे। कांग्रेस की तेलंगाना इकाई की प्रभारी दीपा दास मुंशी और राज्य के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने विधायकों की अगवानी की। गठबंधन के विधायकों को शुक्रवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित लियोनिया होटल में ठहराया गया है। लियोनिया होटल एक लक्जरी सुविधा केंद्र है और यह विभिन्न सामाजिक आयोजनों के लिए एक प्रमुख स्थल है।
पुलिस ने रिसॉर्ट की ओर जाने वाले संपर्क मार्गों पर अवरोधक लगा दिए हैं और इसमें प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि नियमित सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया है।
चंपई के साथ दो विधायकों ने भी ली शपथ : चंपई सोरेन के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राजद के नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें यहां राजभवन में पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद भेजा गया, ताकि विश्वास मत से पहले खरीद-फरोख्त के भाजपा के किसी भी प्रयास को रोका जा सके।
क्या कहा भाजपा ने : इस बीच, भाजपा की झारखंड इकाई ने शुक्रवार को झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद स्थानांतरित करने को सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर आंतरिक मतभेदों को छिपाने के लिए एक राजनीतिक पैंतरेबाज़ी करार दिया। भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रही है और इन आरोपों को झूठा तथा निराधार करार दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता अमर बौरी ने कहा कि झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन को भाजपा से कोई खतरा नहीं है, लेकिन वे अपने आंतरिक मतभेदों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा पर लगाया गया आरोप और कुछ नहीं, बल्कि लोगों का ध्यान भटकाने की एक कोशिश है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala