Lateral entry notification will be cancelled: सीधी भर्ती (Lateral Entry) मामले में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार झुक गई है। इस मामले में कार्मिक मंत्री जितेन्द्र सिंह ने मंगलवार को संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) को पत्र लिखकर इससे संबंधित प्रक्रिया को रोकने के लिए कहा है। UPSC ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री भर्ती के लिए 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया था। इस मुद्दे को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत एनडीए के घटक दल लोजपा और जदयू ने भी उठाया था।
कार्मिक मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत के बाद के लेटरल एंट्री से जुड़ी प्रक्रिया रोकने के लिए कहा है। बताया कि इस संबंध में जारी विज्ञापन को भी रद्द किया जाएगा। सिंह ने पत्र में लिखा कि यूपीएससी द्वारा हाल में जारी विज्ञापन में आरक्षण संबंधी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। सिंह ने अपनी चिट्ठी में कहा कि पीएम मोदी का मानना है कि विशेषकर आरक्षण के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में संविधान में उल्लेखित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप लेटरल एंट्री की प्रक्रिया को सुसंगत बनाया जाए।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा- सैद्धांतिक तौर पर सीधी भर्ती की अवधारणा का समर्थन 2005 में वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता गठित प्रशासनिक सुधार आयोग की तरफ से किया गया था। 2013 में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी इसी दिशा में थीं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों, UIDAI के नेतृत्व जैसे अहम पदों पर आरक्षण के बिना लेटरल एंट्री के जरिए मौके दिए जाते रहे हैं।
क्या कहा था राहुल गांधी ने : राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री के मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
क्या था मेघवाल का राहुल को जवाब : राहुल गांधी को जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही 1976 में फाइनेंस सेक्रेटरी, मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) चीफ बनाया गया था। कांग्रेस ने लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी, जबकि अब PM मोदी ने UPSC को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री सिस्टम को व्यवस्थित बनाया है। पहले की सरकारों में लेटरल एंट्री फॉर्मल सिस्टम नहीं था।
चिराग ने भी दी थी नसीहत : केन्द्रीय मंत्री और लोजपा नेता चिराग पासवान ने सरकारी पदों पर नियुक्तियों के किसी भी कदम की आलोचना करते हुए कहा कि किसी भी सरकारी नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहां तक उनकी पार्टी का सवाल है, वह इस तरह के कदम के बिल्कुल समर्थन में नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं है और अगर सरकारी पदों पर भी इसे लागू नहीं किया जाता है तो यह मेरे लिए चिंता का विषय है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala