नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा...
* फरवरी में बजट पेश करने से आया बदलाव।
* पहली बार 1 अप्रैल से बजट खर्च शुरू हुआ।
* 3 साल में हर विचार का परिणाम मिला।
* मुझे कभी भी निराशा का भाव नहीं आता।
* नतीजों को सोचकर काम करें।
* विभागों में मतभेद अहम नहीं होना चाहिए।
* हर चीज को आउटपुट से नहीं आउटकम से तौलें।
* मोदी ने पूछा, सरकार के दो विभाग कोर्ट में क्यों झगड़ते हैं।
* कई बार विभागों की फाइलों में 25 30 साल पुराने मामले अटके रहते हैं।
* मैं हमेशा ईमानदार अधिकारियों के साथ हूं।
* हमें आत्मचिंतन करना होगा, अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना होगा।
* टीम की शक्ति कम हुई तो परफॉर्म नहीं कर पाएंगे।
* जिस दिन आप सिविल सेवा के लिए चयनित हुए थे उस समय आपके मन में जो विचार आया था, वही आपकी प्रेरणा रहेगा।
* अफसरों की अंगुलियों पर है शासन व्यवस्था।
* हमें जल्द ही अपनी कार्यशैली बदलनी होगी।
* अभाव के बीच रास्ते खोजने होंगे।
* देश में लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं।
* अधिकारी अपने हर फैसले को राष्ट्रहित के तराजू में तौलें।
* सरकारें आएंगी और जाएंगी मगर व्यवस्था कायम रहेगी।
* ज्यादातर अधिकारी सोशल मीडिया में व्यस्त हैं। मैं सोशल मीडिया की ताकत को पहचानता हूं।
* मीडिया के जरूरी व्यवस्था का प्रचार उपयोगी।
* विवेक से ताकत का इस्तेमाल होना चाहिए।
* जो जनता के काम आए वो मेरे लिए जरूरी है।
* काम के दौरान खुद का प्रचार सही नहीं।
* ई गवर्नेंस का इस्तेमाल जनता की जरूरतें पूरी करने के लिए हो।
* परंपरा को बरकरार रखना नई पीढ़ी की जानकारी।
* चुनौती को अवसर में बदलना होगा।
* हमें अपनी कार्यशैली बदलनी होगी।
* सर्वोत्तम लोगों से सर्वोत्तम कार्य की उम्मीद।
* काम का बोझ नहीं, चुनौतियां बड़ी।
* अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है।