राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने देश के बंटवारे का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि मातृभूमि का विभाजन कभी न मिटने वाली वेदना है, ये दर्द तब खत्म होगा जब विभाजन निरस्त होगा। मोहन भागवत ने ये बात नोएडा में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान कही।
खबरों के अनुसार, नोएडा में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शिरकत करने आए आरएसएस प्रमुख ने देश के बंटवारे का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ये नारों का विषय नहीं है, नारे तब भी लगते थे, लेकिन विभाजन हुआ। ये सोचने का विषय है।
भागवत ने कहा कि देश कैसे टूटा, उस इतिहास को पढ़कर आगे बढ़ना होगा। विभाजन के बाद भी दंगे होते हैं। दूसरों के लिए भी वही आवश्यक मानना जो खुद को सही लगे, यह गलत मानसिकता है। अपने प्रभुत्व का सपना देखना गलत है। राजा सबका होता है। सबकी उन्नति उसका धर्म है।
उन्होंने कहा कि जिसको हम अपनी प्रिय मातृभूमि मानते हैं, जिसकी स्वतंत्रता के लिए लोगों ने बलिदान दिए, इतनी पीढ़ियों ने संघर्ष किया, उस मातृभूमि का विभाजन हुआ। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जो खंडित हुआ उसको फिर से अखंड बनाना पड़ेगा।
भागवत ने गुरुवार को नोएडा में कृष्णा नंद सागर लिखित पुस्तक 'विभाजनकालीन भारत के साक्षी के लोकार्पण' समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि यह 2021 का भारत है, 1947 का नहीं। एक बार विभाजन हो चुका है, अब दोबारा नहीं होगा।