नई दिल्ली। संसद के आज सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सीमा पर गतिरोध, कोरोनावायरस महामारी से निपटने और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है। विपक्षी पार्टियां इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती हैं, वहीं सरकार की नजर करीब दो दर्जन विधेयकों को पारित कराने पर है। कोरोना महामारी के कारण इस बार सर्वदलीय बैठक भी नहीं होगी। इस बार संसद की कार्यवाही का दृश्य भी बदला हुआ नजर आएगा।
कोरोना महामारी को लेकर इस बार सत्र में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। सांसदों की सीट के बीच फाइबर ग्लास शीट लगाई गई है। संसद में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क पहनना जरूरी होगा। सभी सांसदों का कोविड-19 टेस्ट अनिवार्य होगा।
कोविड-19 रोकथाम से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा। सत्र के दौरान सांसदों को कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। दोनों सदनों में रोजाना 4-4 घंटे की कार्यवाही होगी। शून्यकाल की अवधि को भी कम करके आधा घंटा कर दिया गया है। सवालों के जवाब लिखित में दिए जाएंगे।
डिजिटल माध्यम से दर्ज होगी उपस्थिति : कोविड-19 महामारी को देखते हुए कागज का कम से कम उपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है। सांसद अपनी उपस्थिति डिजिटल माध्यम से दर्ज कराएंगे। सदन में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के शरीर के तापमान को जांचने के लिए थर्मल गन और थर्मल स्कैनर का उपयोग किया जाएगा। सदन के भीतर 40 स्थानों पर टचलेस सैनिटाइटर लगाए जाएंगे और आपातकालीन मेडिकल टीम और स्टैंडबाय पर एम्बुलेंस की सुविधा भी होगी।
11 सांसद कोरोना पॉजिटिव : मीडिया खबरों के अनुसार मानसून सत्र शुरू होने से पहले 11 सांसद कोरोना संक्रमित पाए गए। इसमें लोकसभा के 5 और राज्यसभा के 6 सांसद हैं।