खराब मौसम के कारण पहलगाम और बालटाल मार्गों पर रविवार को अस्थायी रूप से निलंबित की गई अमरनाथ यात्रा को सोमवार को फिर बहाल कर दिया गया है। इस बीच, आज दोपहर तक 2.5 लाख तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा में हिमलिंग के दर्शन कर लिए थे। तीस जून को तीर्थयात्रा शुरू होने के बाद से गुफा में आने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 2.5 लाख से अधिक हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण एहतियात के तौर पर रविवार तड़के दक्षिण कश्मीर में पारंपरिक नुनवान पहलगाम आधार शिविर और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के बालटाल से यात्राएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थीं। कई जगहों पर फिसलन थी। अधिकारी ने बताया कि जैसे ही मौसम में सुधार हुआ, तीर्थयात्रियों को दोनों तरफ के पड़ाव स्थलों से आगे बढ़ने की अनुमति दे दी गई।
उन्होंने कहा कि महिलाओं और साधुओं सहित बड़ी संख्या में तीर्थयात्री सुबह दुमेल के रास्ते अमरनाथ गुफा तीर्थयात्रा के लिए बालटाल आधार शिविर से रवाना हुए। हालांकि, बारिश के कारण एहतियात के तौर पर उन्हें स्टापिंग प्वाइंट पर रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि मौसम में सुधार होते ही यात्रा फिर से शुरू हो गई। बारिश रुकने के बाद यात्रा पहलगाम के पारंपरिक मार्ग पंजतरणी और अन्य पड़ाव स्थलों से होते हुए फिर से शुरू हुई।
जम्मू से 15वां जत्था रवाना : अगर मौसम की मेहरबानी बनी रही तो एक सप्ताह में यात्रा तीन लाख का आंकड़ा पार कर जाएगी। यात्रा के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु व साधु जम्मू पहुंच रहे हैं। सोमवार सुबह जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से 6216 श्रद्धालुओं का 15वां जत्था रवाना हुआ।
अब तक 25 श्रद्धालुओं की मौत : अमरनाथ की यात्रा एक जुलाई से शुरू हुई थी। इस बार 62 दिन की यात्रा है जो 31 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन संपन्न होगी। अधिकारियों ने बताया कि आज जो जत्था रवाना हुआ उसमें 4204 पुरुष, 1871 महिलाएं, 16 बच्चे, 78 साधु और 47 साध्वियां शामिल थीं।
इस साल 30 जून से यात्रा शुरू होने के बाद से 25 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इनमें से 24 की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई, जबकि एक महिला तीर्थयात्री की रविवार को पत्थर लगने से मौत हो गई। महिला तीर्थयात्री को बचाने की कोशिश में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। (फाइल फोटो : Edited by: Vrijendra Singh Jhala)