नई दिल्ली। देश में 30 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी अपनी नौकरी बदलना चाहते हैं, जबकि 71 प्रतिशत का मानना है कि करियर में आगे बढ़ने के लिए उनके काम की अनदेखी की जा रही है। सर्वेक्षण में 34 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि उनके नौकरी बदलने की संभावना काफी अधिक है, जबकि वैश्विक स्तर पर 19 प्रतिशत कर्मचारियों ने यह राय जताई।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में कार्यस्थल पर कामकाज के तरीके में काफी बदलाव आया है। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की मानसिकता में बदलाव देखा गया है। यह रिपोर्ट पीडब्ल्यूसी के ग्लोबल वर्कफोर्स होप्स एंड फियर्स सर्वे 2022 के निष्कर्षों पर आधारित है। सर्वेक्षण में भारत के 2608 कर्मचारियों ने भाग लिया और इसमें से 93 प्रतिशत स्थाई कर्मचारी हैं।
सर्वेक्षण में 34 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि उनके नौकरी बदलने की संभावना काफी अधिक है, जबकि वैश्विक स्तर पर 19 प्रतिशत कर्मचारियों ने यह राय जताई। इसके अलावा 32 प्रतिशत कर्मचारी नौकरी छोड़ने की भी योजना बना रहे हैं।
वहीं 1981 और 1996 के बीच पैदा हुए कर्मचारियों की नई नौकरी तलाश करने की सबसे अधिक संभावना है। ऐसे 37 प्रतिशत ने संकेत दिया है कि वे अगले एक साल में नौकरी बदल सकते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, 1990 के दशक के अंत में और 2010 के दशक की शुरुआत में जन्मे कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की संभावना सबसे कम है।(भाषा)