नई दिल्ली। रिलायंस जियो (Reliance Jio) के प्रमुख मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने भारत दूरसंचार उद्योग और डिजिटल अर्थव्यवस्था को वृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बुधवार को 5 विचार रखते हुए सेवा और उपकरणों को आम लोगों की पहुंच में रखने की जरूरत पर बल दिया।
अंबानी ने कहा कि इसके लिए सार्वत्रिक सेवा कोष (यूएसओ फंड) से सब्सिडी दी जानी चाहिए। वे देश के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी इवेंट इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2021 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। ऑनलाइन तरीके से आयोजित इस सम्मेलन के प्रारंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़कर सुनाया गया।
उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है, जबकि रिलायंस जियो सहित विभिन्न सेवा प्रदाताओं ने हाल में अपने प्रीपेड प्लान की दरों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि भारत में मोबाइल इंटरनेट की दर इस समय दुनिया में सबसे कम है और बाजार के विस्तार में इसका बड़ा योगदान है।
दूरसंचार विभाग और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमारमंगलम बिड़ला और मंत्रालय, विनियामक और इस उद्योग की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया।
अंबानी ने उद्योग के समक्ष पांच प्राथमिकताओं को रखते हुए कहा कि 2जी के उपभोक्ताओं को 4जी और 5जी के नेटवर्क पर लाना पहली बड़ी चुनौती है। उन्होंने 5जी रोलआउट को देश की पहली प्राथमिकता बताया है। 5जी के बारे में बोलते हुए मुकेश अंबानी ने कहा, हमने 100 प्रतिशत देशी और व्यापक 5जी समाधान विकसित किया है जो पूरी तरह से क्लाउड नेटिव, डिजिटल मैनेज्ड और भारतीय है। हमारी तकनीक की वजह से जियो नेटवर्क को 4जी से 5जी में जल्द से जल्द अपग्रेड किया जा सकता है।
अंबानी ने कहा कि सेवाओं और उपकरणों का सस्ता होना दूसरसंचार और डिजिटल सेवा उद्योग की गति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकारी यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड का इस्तेमाल, देश में मोबाइल सब्सिडी देने के लिए करने की पैरवी की। मुकेश अंबानी का मानना है कि अगर देश के हाशिए पर रहने वाले लोगों को देश की डिजिटल ग्रोथ का हिस्सा बनना है तो उसे किफायती कीमतों पर सर्विस और डिवाइस मुहैया कराए जाने चाहिए।
अंबानी ने कहा कि भारत को 2जी से 4जी और फिर 5जी में माइग्रेशन जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। लाखों भारतीयों को सामाजिक-आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे 2जी तक सीमित रखना उन्हें डिजिटल क्रांति के लाभों से वंचित करना है।
कोविड में हमने देखा जब सबकुछ बंद था, तब इंटरनेट और मोबाइल ने ही हमें जीवित रखा। तकनीक हमारे जीवन और रोजगार के लिए सहारा बनी। अंबानी ने देश में फाइबर नेटवर्क के विस्तार और महत्वपूर्ण उपकरणों को देश में ही बनाए जाने को भी इन पांच प्राथमिकताओं में रखा है।
वित्तीय तंगी से गुजर रही वोडाफोन आइडिया के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में दूसरसंचार और डिजिटल प्रौद्योगिकी का बड़ा योगदान होगा, पर उन्होंने यह भी कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए उद्योग का स्वस्थ होना जरूरी है।
गौरतलब है कि इस समय भारत की दूरसंचार कंपनियों में ज्यादातर भारी कर्ज भार में दबी हुई हैं। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 10 दिसंबर तक चलेगा। मोबाइल कांग्रेस में टेलीकॉम मिनिस्टर सहित टेलीकॉम सेक्टर की कई जानीमानी हस्तियां हिस्सा ले रही हैं।(वार्ता)