मुंबई। विशेष टाडा अदालत ने 1993 में मुंबई में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट मामले में दोषी ठहराए गए 6 लोगों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकारी वकील से सजा के संबंध में पहले जिरह कराए जाने की मांग की गई थी।
इस मामले में अदालत ने पिछले सप्ताह सात आरोपियों में से छह को दोषी ठहराया था। हालांकि देश के खिलाफ युद्ध छेडने के आरोप से बरी कर दिया था। अदालत ने इस मामले में मुस्तफा दोसा, अबू सलेम, करीमउल्ला खान, फिरोज अब्दुल रशीद खान, रियाज सिद्दीकी, ताहिर व्यापारी उर्फ 'ताहिर टकल्या' को दोषी ठहराया था जबकि अब्दुल कय्यूम को बरी कर दिया था।
सरकारी वकील सिद्दीकी के खिलाफ षडयंत्र के आरोपों को सिद्ध नहीं कर सके लेकिन उन्हें अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया। पांच अन्य लोगों पर धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) का सामना किया उनमें से अबू सलेम के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उम्रकैद और चार अन्य के खिलाफ फांसी की सजा की मांग करने की योजना बना रही है। अगले दो-तीन दिन में सीबीआई अपना पक्ष अदालत में रखेगी। गौरतलब है कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट में 257 लोग मारे गए थे और 700 अन्य घायल हो गए थे। (वार्ता)