मुंबई। मुंबई के लोअर परेल इलाके में कमला मिल परिसर स्थित ‘1 एबव’ पब में बीती रात आग लगने की घटना के दौरान कुछ लोगों ने सेल्फी लेने की कोशिश की, जबकि कुछ अन्य नशे में धुत थे। इस वजह से लोगों को वहां से बाहर निकालने में देर हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह दावा किया है।
इस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई। निकास द्वार ढूंढने में मुश्किल होने से भी बचाव कोशिशें बाधित हुई। इसके चलते परेशान लोगों ने खुद को शौचालयों में बंद कर लिया। छत पर स्थित पब में एक पार्टी के दौरान लगी आग तेजी से समूची इमारत में फैल गई, कई लोग इसके अंदर ही फंस गए। मरने वालों में खुशबू बंसाली, उनके कई दोस्त सहित 11 महिलाएं शामिल हैं। गौरतलब है कि खुशबू अपना 29वां जन्मदिन मना रही थी।
एक निजी सुरक्षा एजेंसी के लिए काम करने वाले महेश साबले ने बताया कि बीती रात शोर सुनकर मैं अपने कार्यालय से बाहर निकला। कई सारे लोग मेरी ओर भागे आ रहे थे। जिधर भी उन्हें जाने का रास्ता मिल रहा था, वे लोग उस ओर भाग रहे थे।
साबले ने कहा कि उनकी एजेंसी समाचार चैनल टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल के कार्यालय को सुरक्षा मुहैया कराती है, जिसका सैटेलाइट- लिंकिंग उपकरण ‘1 एबव’ से लगी छत पर है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने छत पर स्थित सुरक्षा एजेंसी के कार्यालय के अंदर शरण लेने का आग्रह किया। वे लोग लिफ्ट से आए थे और उस जगह से बाहर निकलने के लिए उपयुक्त रास्ते के बारे में कुछ नहीं जानते थे। मैंने करीब डेढ़-दो सौ लोगों को नीचे जाने का रास्ता अपनी जानकारी के मुताबिक बताया।
साबले ने बताया कि कुछ लोग रेस्ट रूम में ही रूक गए क्योंकि वे लोग नहीं जानते थे कि बाहर निकलने का रास्ता कौनसा है। उन्होंने बताया कि 150 से अधिक लोगों के पहले समूह को बाहर जाने का रास्ता दिखाने के बाद वह फिर से ऊपर गए और मामूली तौर पर झुलसे हुए 8-10 लोगों को बाहर निकाला।
रात्रि पाली में मौजूद उनके सहकर्मी संजय गिरि ने बताया कि वह उस वक्त भूतल पर थे और फंसे हुए लोगों को बाहर निकलने में मदद करने के लिए ऊपर गए। गिरि ने बताया कि शुरुआत में छत पर स्थित पब में शराब के नशे में धुत कुछ लोगों और वीडियो बना रहे लोगों ने बचाव कोशिशों में देर की।
उन्होंने बताया, मैंने हर उस व्यक्ति को बाहर जाने का रास्ता दिखाया जिसे हम देख सकते थे। बाद में जब हम नीचे उतरे तब उन्होंने हमें शौचालय में फंसे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कुछ ही देर में दमकल विभाग के अधिकारी वहां पहुंच गए और इमारत में घुसे। शौचालय में फंसे लोगों को नीचे लाया गया।
साबले और गिरि ने यह भी बताया कि रसोई गैस (एलपीजी) के कई सिलेंडर भूतल पर रखे हुए थे और चिंगारी तथा मलबा उन पर गिर रहा था। दमकलकर्मियों ने तेजी से उन सिलेंडरों को हटाया। हादसे के दौरान मौके पर मौजूद डॉ. सुलभ अरोड़ा ने बताया कि लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे और भाग रहे थे ताकि इमारत से बाहर निकल सकें।
उन्होंने ट्वीट किया, भगदड़ मच गई और किसी ने मुझे धक्का दिया। लोग मेरे ऊपर से गुजर रहे थे और ऊपर छत भी आग की लपटों में घिर रही थी। (भाषा)