सहारनपुर। फतवों के लिए सदैव ही चर्चा में रहने वाली देवबंद की इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम ने मुस्लिम औरतों के आकर्षक और चुस्त बुर्का पहनने एवं सैर सपाटे की नीयत से घर से निकलने पर घोर आपत्ति जताई है।
दारूल उलूम के फतवा देने वाले दारूल इफ्ता विभाग के अध्यक्ष मुफ्ती हबीबुर्रहमान खैराबादी ने बुधवार को बताया कि देवबंद के एक व्यक्ति ने दारूल उलूम से सवाल किया था कि मुस्लिम औरतों को क्या चुस्त और आकर्षक बुर्का पहनना चाहिए।
खैराबादी ने बताया कि मुफ्तियों की चार सदस्यीय पीठ ने इस सवाल पर विचार करते हुए कहा कि मुस्लिम औरतों को बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए और वे घर से बाहर जाते वक्त ढीले-ढाले कपड़े पहनें। चुस्त, तंग और आकर्षक बुर्का पहनकर निकलना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि हजरत पैगम्बर साहब ने फरमाया था कि औरतों को बिना जरूरत के घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। मुफ्तियों का कहना था कि आकर्षक और तंग लिबास में जब औरतें घर से बाहर निकलती हैं तो शैतान उन्हें घूरता है। इसलिए दारूल उलूम का फतवा विभाग औरतों द्वारा ऐसे लिबास पहनकर बाहर निकलने को नाजायज मानता है। (वार्ता)