नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पसंदीदा ‘नमामि गंगे कार्यक्रम’ के मद में अगले 5 साल के लिए 20,000 करोड़ रुपए की रकम को मंजूरी दे दी, जो गंगा के संरक्षण के मकसद से पिछले 3 दशकों में खर्च की गई रकम से 5 गुणा अधिक है।
यहां एक सरकारी बयान में कहा गया कि मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने महत्वपूर्ण कार्यक्रम को मंजूरी दी जिसमें व्यापक तरीके से गंगा नदी की साफ-सफाई और संरक्षण शामिल है।
इसके अनुसार इस कार्यक्रम का बजट खर्च अगले 5 साल तक के लिए 20,000 करोड़ रुपए है। बयान के मुताबिक केंद्र ने 1985 से गंगा के कायाकल्प के लिए तकरीबन 4,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
बयान के अनुसार गंगा की सफाई के लिए प्रयासों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र अब इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों, परियोजनाओं पर 100 प्रतिशत वित्तपोषण करेगा। इसे लागू करने की दिशा में बड़ा बदलाव बताते हुए सरकार स्थाई परिणाम पाने के लिए नदी के किनारे रह रहे लोगों की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
बयान के अनुसार अतीत से सबक लेते हुए इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए इसमें राज्यों और जमीनी स्तर की संस्थाओं जैसे कि शहरी स्थानीय इकाइयों और पंचायती राज संस्थानों को भी शामिल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और राज्य में उसकी समकक्ष संगठनों जैसे कि राज्य कार्यक्रम प्रबंधन समूह (एसपीएमजी) लागू करेंगी। (भाषा)