नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' अभियान का विरोध करने वालों की कड़ी आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि इसके प्रभाव के बल पर पिछले 1 वर्ष में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 39 फीसदी बढ़ा है।
मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि 'मेक इन इंडिया' देश के 80 करोड़ नौजवानों की भावनाओं का प्रतिबिंब है और बहुत ही कम समय में विश्व ने इस बात को माना है। भारत में इसका जितना प्रभाव है, उससे अधिक इस असर देश के बाहर दिखता है। इतने कम समय में पिछले वर्ष की तुलना में एफडीआई में 39 फीसदी की वृद्धि इसका जीता-जागता उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का अमूल्य शिक्षित मानव संसाधन देश में कोई भविष्य न दिखने के कारण विदेशों में अपना करियर बनाने में लगा था लेकिन आज होनहार नौजवान स्वेदश लौटने को उत्साहित नजर आते हैं।
उन्होंने कहा कि 'मेक इन इंडिया' के जरिए भारत ने अपनी सामर्थ्य का प्रभाव फैलाया है और भारत में इसका जितना प्रभाव है उससे ज्यादा देश से बाहर दिखता है। फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, चीन और कोरिया की यात्रा के दौरान मैंने जितनी बार 'मेक इन इंडिया' बोला, उससे ज्यादा वहां के उद्योगपति और उन देशों के राजनेता इस शब्द को बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इतने कम समय में वैश्विक स्तर पर उद्योगपतियों और राजनेताओं के बीच न सिर्फ 'मेक इन इंडिया' शब्द अपितु भारत की इस काम के प्रति कटिबद्धता की अनुभूति होने लगी है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में बहुत से उद्योगपति और कंपनियां देश से बाहर अपना कारोबार बढ़ाने को जरूरी समझने लगे थे और कुछ ने तो बाहर जाने का मन भी बना लिया था लेकिन आज उनमें यह भावना पूरी तरह समाप्त हो गई है।
उन्होंने 'डिजिटल इंडिया' का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हमारी नसों में है और शीघ्र ही इसके परिणाम दूर-सुदूर गांवों में भी दिखेंगे। (वार्ता)