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गरीबों का चिटफंड लूटने वाले मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं : मोदी

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आगरा , रविवार, 20 नवंबर 2016 (20:45 IST)
आगरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि करोड़ों रुपए के चिटफंड घोटाले के पीछे जिन नेताओं का हाथ रहा है, वे उन पर हमला इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि नोटबंदी से उन्हें करारी चोट पड़ी है। मोदी की इस टिप्पणी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखे हमले के तौर पर देखा जा रहा है मोदी ने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पिछले 70 सालों की सरकारें काले धन पर चुप रहीं, क्योंकि उन्हें सत्ता से हाथ धो बैठने का डर था।

यहां ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए मोदी ने जन धन खाताधारकों को आगाह किया कि वे अमीरों के गलत तरीके से कमाए पैसे काले से सफेद करने के लिए अपना इस्तेमाल नहीं होने दें, क्योंकि ऐसा करने से वे गैर-जरूरी तरीके से कानूनी पचड़ों में फंस जाएंगे।
 
मोदी ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि किस तरह के लोग मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। क्या देश को पता है कि चिटफंड कारोबार में किनके पैसे निवेश किए गए थे? लाखों-करोड़ों लोगों ने चिटफंडों में धन का निवेश किया। लेकिन नेताओं की कृपा से करोड़ों करोड़ रुपए गायब हो गए।’ 
 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चिटफंड से हुए नुकसान के कारण सैकड़ों परिवार के मुखिया को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा। इतिहास पर नजर डालें। वे मुझ पर सवाल उठा रहे हैं।’ गौरतलब है कि ममता नोटबंदी के फैसले के खिलाफ इन दिनों विपक्षी नेताओं को लामबंद करने में जुटी हैं।
 
पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटालों से जुड़े मुकदमों में तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता आरोपों का सामना कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए क्योंकि उन्हें देश से ज्यादा चिंता सत्ता से हाथ धो बैठने की थी।

कांग्रेस पर परोक्ष हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, ‘देश कब तक चुप रहेगा? वे (पिछली सरकारें) 70 साल तक चुप रहे। ऐसा नहीं है कि उन्हें इस बीमारी के बारे में पता नहीं था। उन्हें देश की कम और सत्ता की ज्यादा चिंता थी। इसलिए वे (इस पर लगाम लगाने के लिए) कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं थे।’ 
 
मोदी ने कहा कि एक तरफ सीमा पार से फैलाए जाने वाले आतंकवाद से थलसेना के जवान मारे जाते हैं और दूसरी तरफ आर्थिक आतंकवाद देश के युवाओं और अर्थव्यवस्था को विनाश की तरफ धकेल रहा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जाली नोट देश में भेजे जा रहे हैं और नोटबंदी के कारण ड्रग्स एवं अन्य मादक पदार्थों का कारोबार ठहर सा गया है। उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के कारण जाली भारतीय मुद्रा के कारोबार को बड़ा झटका लगा है।’ 
 
सरकार के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने के फैसले का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि यह फैसला लोगों को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि गरीबों, हाशिये पर पड़े लोगों और ईमानदार लोगों की मदद के लिए किया गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने जन धन खातों का इस्तेमाल भ्रष्ट लोगों द्वारा नहीं होने दें।
 
मोदी ने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं। ये भ्रष्ट लोग काफी धूर्त होते हैं। वे आपके पास आकर आपके खाते में ढाई लाख रुपए जमा कराने की बात कह सकते हैं। वे आपसे कह सकते हैं कि छह महीने बाद मुझे इसमें से दो लाख रुपए लौटा देना और आपको बाकी 50 हजार रुपए की पेशकश करेंगे। लेकिन कृपया इन लोगों को आपका फायदा नहीं उठाने दें।’ 
 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कानून बहुत सख्त है..भ्रष्ट लोग कहेंगे कि यह मेरे पैसे नहीं हैं और जिनके खाते में पैसे जमा हैं, वे जवाबदेह हैं। गरीबों को गैर-जरूरी कानूनी पचड़ों में पड़ना होगा। मैं नहीं चाहता कि मेरे भाई-बहनों को कोई समस्या हो।’(भाषा) 

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