नई दिल्ली। आम लोगों के फायदे की खातिर प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिए देश को और अधिक वैज्ञानिकों की जरूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि 104 उपग्रहों का एकसाथ प्रक्षेपण और एक नई मिसाइल के सफल परीक्षण जैसी उपलब्धियों के माध्यम से हमारे वैज्ञानिकों ने राष्ट्र को गौरवान्वित किया और दुनियाभर में उनकी सराहना हुई है।
मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि मेरे प्यारे नौजवानों, जब हम विज्ञान और वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम की बात करते हैं तो कई बार मैंने 'मन की बात' में इस बात को कहा है कि हमारी युवा पीढ़ी का विज्ञान के प्रति आकर्षण बनना चाहिए। देश को बहुत सारे वैज्ञानिकों की जरूरत है। आज का वैज्ञानिक आने वाले युगों में आने वाली पीढ़ियों के जीवन में एक स्थायी बदलाव का कारण बनता है।
हाल ही में संपन्न 14वें प्रवासी भारतीय दिवस में आयोजित एक प्रतिस्पर्धा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि समाज उपयोगी नवोन्मेष को प्रदर्शित किया गया। ऐसे नवोन्मेष की पहचान करना, इसे प्रदर्शित करना, लोगों को जानकारी देना और यह देखना कि नवोन्मेष जन-सामान्य के लिए कैसे काम आएं, ये बहुत महत्वपूर्ण है। हमने अभी एक नवोन्मेष देखा, जो हमारे गरीब मछुआरे भाइयों की मदद के लिए बनाया गया है।
मोदी ने 2005 की मुंबई बाढ़ का जिक्र किया और कहा कि कई बार ऐसा समय आ जाता है, जब समस्या ही समाधान के लिए विज्ञान का महत्व समझाती है। मुंबई बाढ़ के बाद ऐसे आवासीय ढांचों को विकसित करने पर बल दिया जाने लगा, जो उसमें रहने वालों को ऐसी परिस्थितियों में बचा सके और पानी जमा होने से रोका जा सके।
पीएसलवी रॉकेट के जरिए रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजे जाने का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक देश के लिए गौरव लाए हैं। इसरो ने पीएसएलवी रॉकेट के जरिए यह 38वां सफल प्रक्षेपण किया है। उन्होंने कहा कि इसरो की टीम में महिलाओं सहित कई युवा वैज्ञानिक हैं।
मोदी ने कहा कि मंगलयान को मंगल पर भेजने के सफल मिशन के बाद इसरो ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में विश्व कीर्तिमान बना दिया। इसरो ने एकसाथ 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। ये उपग्रह कई देशों के हैं। एक बार में 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने वाला पहला देश बनकर भारत ने इतिहास रच दिया। (भाषा)