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नरेंद्र मोदी ने किया ब्रह्मपुत्र नदी पर बने एशिया के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन

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सदिया (असम)। , शुक्रवार, 26 मई 2017 (10:51 IST)
सदिया (असम)।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के तिनसुकिया में आज ब्रहमपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया। आज से देश का सबसे लंबा धौला-सादिया पुल आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी लोहित नदी पर बना है। प्रधानमंत्री ने 9.15 किलोमीटर लंबे ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन किया जिससे असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा का समय छह घंटे से कम होकर एक घंटा रह जाएगा। देश का यह सबसे लंबा पुल 182 खंभों पर टिका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सबसे लंबे नदी पुल ढोला-सदिया सेतु का उद्घाटन किया। यह लोहित नदी के उपर बना है जिसका एक छोर अरुणाचल प्रदेश के ढोला में और दूसरा छोर असम के सदिया में पड़ता है। असम में तिनसुकिया जिले के सदिया में 2,056 करोड़ रुपए की लागत से बने इस रणनीतिक पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री कुछ दूरी तक इस पर चले।
 
इसके बाद प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, असम के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल तथा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को लेकर एक वाहन इस पुल के उपर से गुजरा। 
नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्‍घाटन करने के बाद उनकी गाड़ियों का काफिला पुल पर कुछ दूर तक चला। कुछ दूर के बाद नरेंद्र मोदी ने काफिला रुकवाया और अपनी गाड़ी से उतर कर पुल पर दूर तक खुद अकेले चले और बाद में उनके साथ नितिन गडकरी और अन्य लोग भी आ गए। नरेंद्र मोदी पुल का जायजा लिया और पुल के दोनों ओर बह रही ब्रह्मपुत्र नदी को निहारा। उन्होंने पुल के दोनों तरफ के नजारे देखे। पुल का जायजा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुन: अपनी गाड़ी में बैठे और उनका काफिला अगले पड़ाव की ओर बढ़ गया।
 
यह सेतु 28.50 किलोमीटर लंबा है और मुंबई स्थित बांद्रा-वर्ली सी लिंक से 3.55 किलोमीटर अधिक लंबा है। इस पुल के बन जाने से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय में चार घंटे की कमी आएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश तक सैनिकों और आर्टिलरी के त्वरित गमन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पुल को टैंकों के आवागमन के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
 
इस अवसर पर नरेद्र मोदी ने कहा कि दो राज्यों के विकास की कड़ी बनेगा ढोला-सदिया पुल। पुल बनने से रोजाना 10 लाख रुपए के पेट्रोल और डीजल की बचत होगी। पुल बनने से लोगों के मूल्यवान समय की बचत होगी। इससे आर्थिक क्रांति होगी, विकास के रास्ते खुलेंगे। 
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले गुरुवार रात ट्वीट किया, मैं कल असम में रहूंगा और कई कार्यक्रमों में भाग लूंगा। मैं असम की जनता से बातचीत करने के इस अवसर का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं।' इसके बाद प्रधानमंत्री गुवाहाटी में ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडीकल साइंसेज (एम्‍स) का शिलान्‍यास करेंगे। यह गुवाहाटी से 28.5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में खोला जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री अपनी यात्रा का समापन असम और मेघालय सीमा पर स्थित खानापारा में राजनैतिक रैली कर करेंगे।
 
नया नारा : 
इस मौके पर मोदी सरकार ने नया नारा दिया है:- 'साथ है विश्वास है, हो रहा विकास है।'
शुक्रवार को इस स्लोगन को विभिन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडिया पर चलाया जाएगा और साथ ही आज के कई न्यूजपेपर में इसे पब्लिश किया गया है। खुद पीएम मोदी भी इस नारे को पेश करेंगे। इस विज्ञापन के साथ मोदी सरकार ने अपनी तीन साल की कई उपलब्धियां भी गिनाई हैं।
 
पुल की खासियत :
यह पुल देश का सबसे लंबा नदी पर बनाया गया रिवर ब्रिज (नदी पुल) है। यह पुल असम के पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे इलाके में बना है। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 9.15 किमी. लंबा यह पुल एशिया का दूसरा सबसे लंबा रिवर ब्रिज है। यह असम में तिनसुकिया जिले के धोला और सदिया को जोड़ता है। देश का यह सबसे लंबा पुल 60 टन के युद्धक टैंक के भार को झेल सकता है। ये पुल इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां से चीन बॉर्डर की हवाई दूरी करीब 100 किमी है। इस पुल के जरिए सेनाओं की चीन बॉर्डर (वैलोंग-किबिथू सेक्टर) तक आवाजाही आसान हो जाएगी। असम के उत्तरी और दक्षिणी इलाके के इस पुल से जुड़ने के बाद विकास की पहुंच असम के पूर्वोत्तर इलाके तक पहुंचेगी।
 
चीन से मिलने वाली किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए भारत अब उत्तर की सीमाओं तक पहुंचने के रास्ते सुगम बनाने में लगा हुआ है। कश्मीर घाटी में पहुंचने के लिए हाल ही में सरकार ने जम्मू-कश्मीर के चनैनी और नाशरी के बीच बनी यह 28 किमी। लंबी सुरंग देश की सबसे लंबी सुरंग का उद्घाटन किया है। यह सुरंग विपरीत मौसम में भी चालू रहेगी। इसके अलावा उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर भी बात आगे बढ़ गई है. यह रेल मार्ग भी सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

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