नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन थोड़ा छोटा रहेगा।
मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर 'मन की बात' कार्यक्रम में खुद इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि स्वतंत्रता दिवस पर उनका भाषण बहुत लंबा हो जाता है इसलिए उन्होंने तय किया है कि इस बार वे अपने भाषण को छोटा रखेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 3 बार के मेरे 15 अगस्त के भाषणों के बारे में मुझे एक शिकायत लगातार सुनने को मिली है कि मेरा भाषण थोड़ा लंबा हो जाता है। इस बार मैंने मन में कल्पना तो की है कि मैं इसे छोटा करूं। ज्यादा से ज्यादा 40-45-50 मिनट में पूरा करूं। मैंने मेरे लिए नियम बनाने की कोशिश तो की है लेकिन पता नहीं, मैं कर पाऊंगा कि नहीं कर पाऊंगा। लेकिन मैं इस बार कोशिश करने का इरादा रखता हूं कि मैं मेरा भाषण छोटा कैसे करूं। देखते हैं, सफलता मिलती है कि नहीं मिलती है?
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को उन्हें देश के प्रधान सेवक के रूप में लाल किले से देश के साथ संवाद करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि वहां एक व्यक्ति नहीं बोलता बल्कि लाल किले से सवा सौ करोड़ देशवासियों की आवाज गूंजती है। उनके सपनों को शब्दबद्ध करने की कोशिश होती है।
उन्होंने कहा कि हर बार की तरह वे लोगों का आह्वान करते हैं कि वे भाषण के लिए अपने सुझाव भेंजें और वे इन्हें संबोधन में शामिल करने की कोशिश करेंगे। ये सुझाव नरेन्द्र मोदी एप और माई गोव वेबसाइट पर भेजे जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर मोदी पिछले 3 वर्षों से लगभग 1 घंटे या उससे अधिक समय तक बोलते रहे हैं। (वार्ता)