कॉल ड्राप रोकने के लिए टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा 3 साल में 3 बार कानून में बदलाव किए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। लेकिन 1 अक्टूबर से एक नया कानून लागू होने जा रहा है। इसके तहत खराब सर्विस देने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने भी की थी कॉल ड्रॉप की शिकायत : अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी एक खबर के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया था कि उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से आवास तक पहुंचने के दौरान कॉल ड्रॉप का सामना करना पड़ता है जिससे खुद प्रधानमंत्री को कॉल ड्रॉप की शिकायत करनी पड़ी।
एक अधिकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने जिक्र किया कि कैसे लोग दिल्ली एयरपोर्ट पर कॉल करने को लेकर परेशानी झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद लगातार कॉल करने की कोशिश करते हैं और कैसे कॉल ड्रॉप राष्ट्र स्तर की समस्या बन गई है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की सीधी शिकायत के बाद दूरसंचार विभाग ने अक्टूबर के पहले हफ्ते में टेलीकॉम कंपनियों की बैठक बुला ली है। ट्राई ने कहा कि अब बात करते-करते नेटवर्क गायब होने को ही कॉल ड्रॉप नहीं माना जाएगा, बल्कि बातचीत के दौरान आवाज सुनाई न देना, आवाज अटकना या नेटवर्क कमजोर होने जैसी समस्याओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री ने टेलीकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदरराजन से पूछा कि कॉल ड्रॉप के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर से कितना जुर्माना वसूला गया है? सुंदराजन ने बताया कि 3 कॉल ड्रॉप पर 1 रुपए चार्ज करने की योजना लागू नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि खराब सर्विस देने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों पर जुर्माने के संबंध में मंत्रालय ने कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
गौरतलब है कि पिछले 2 वर्षों में कॉल ड्रॉप पर जो भी सख्ती के कानून बनाए गए हैं, उसके तहत अब तक एक भी कार्रवाई नहीं हुई है।