नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को मंत्रिमंडल में किए जाने वाले फेरबदल के बीच अन्नाद्रमुक और जदयू के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के विषय पर अनिश्चितता बनी हुई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में यह फेरबदल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा फेरबदल है और इसमें कई नए चेहरे शामिल किए जाने की संभावना है।
मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मंत्रिमंडल में होने वाले इस फेरबदल से पहले अंतिम दौर की बातचीत कर सकते हैं। राजग सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह कैबिनेट में होने वाला तीसरा फेरबदल है। तमिलनाडु की पार्टी में चल रही आंतरिक कलह इसके सरकार में शामिल होने की राह में एक बड़ा रोड़ा साबित हो सकती है। पार्टी के भीतर के संकट को दूर करने में जुटी अन्नाद्रमुक टीटीवी दिनाकरण की बगावत से जूझ रही है। वृंदावन में संघ परिवार की समन्वय बैठक में कल हिस्सा लेने के बाद अमित शाह राष्ट्रीय राजधानी में लौट आए हैं।
टीटीवी दीनाकरण के नेतृत्व में हुई बगावत के कारण अन्नाद्रमुक का संकट गहरा हो गया है और यह अन्नाद्रमुक के सरकार में शामिल होने के मार्ग में बड़ी बाधा माना जा रहा है। अन्नाद्रमुक के नेता थंबीदुरै ने शुक्रवार को शाह से मुलाकात की थी। यदि तमिलनाडु की यह पार्टी सरकार में शामिल होने का फैसला करती है तब थंबीदुरै और पार्टी नेता पी. वेणुगोपाल एवं वी. मैत्रेयन अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। हालांकि पार्टी ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
उधर जद यू सूत्रों ने कहा है कि उन्हें अब तक सरकार में शामिल होने की जानकारी नहीं दी गई है। जद यू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ‘हमारे सांसद दिल्ली में हैं। सरकार में शामिल होने को लेकर पार्टी में कोई विवाद नहीं है लेकिन कल फेरबदल होने के बावजूद अब तक कोई संवाद नहीं किया गया है।
भाजपा के सूत्रों ने इन दोनों दलों के सरकार में शामिल होने को लेकर चल रही ऊहापोह को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि चीजें ठीक हो जाएंगी। ऐसा माना जा रहा है कि मोदी की ओर से योग्यता और व्यावहारिक राजनीति पर दिए जाने वाले जोर के बीच संतुलन के तहत छ: से ज्यादा मंत्रियों को नए चेहरों के लिए अपने पद छोड़ने पड़ सकते हैं।
सरकार के एक शीर्ष अधिकार ने कल कहा था कि रविवार को लगभग 10 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जिन केंद्रीय मंत्रियों ने फेरबदल से पहले कल इस्तीफा दिया था, उनके नाम हैं- कलराज मिश्र, बंडारू दत्तात्रेय, राजीव प्रताप रूडी, संजीव कुमार बाल्यान, फग्गनसिंह कुलस्ते और महेंद्रनाथ पांडे।
उमा भारती ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन भाग्य संभवत: उनके पक्ष में है। हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कई अन्य लोगों का इस्तीफा हो सकता है। जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा था कि इस मुद्दे पर सिर्फ शाह या उनकी ओर से कोई अन्य व्यक्ति ही बोल सकता है। (भाषा)