नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के तीन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्नातक की डिग्री का सबूत मांगने के लिए आज दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) से मुलाकात की और दावा किया कि विश्वविद्यालय ने उन्हें इस जानकारी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क करने को कहा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय नरेन्द्र मोदी के रिकार्ड दिखाने में इसलिए आनाकानी कर रहा है क्योंकि वह कभी वहां से पढ़े ही नहीं।
केजरीवाल ने इस संदर्भ में आईआईटी खड़गपुर से आरटीआई के जवाब में मिली अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री दिखाते हुए कहा कि मेरे पास वहां की डिग्री है, इसलिए अधिकारियों ने तत्काल दे दी।
उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि कुछ अखबारों में छपी मोदी की डिग्री की तस्वीरें झूठी हैं। डीयू ने प्रधानमंत्री की डिग्री के रिकार्ड दिखाने से मना कर दिया क्यों? मेरी सूचना के अनुसार वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक नहीं हैं।
केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा डीयू और गुजरात विश्वविद्यालय को यह सूचना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुहैया किए जाने के एक हफ्ते बाद आप नेता विश्वविद्यालय गए। मुख्यमंत्री ने हाल ही में आयोग के कामकाज की आलोचना की थी। गुजरात विश्वविद्यालय ने रविवार को कहा था कि मोदी के पास एमए की डिग्री है और उन्होंने विश्वविद्यालय के बाहरी छात्र के तौर पर 62. 3 प्रतिशत अंक हासिल किया था।
आप नेता आशुतोष, राघव चड्ढा और आशीष खेतान आज दोपहर मुख्यमंत्री के एक पत्र के साथ डीयू गए थे। डीयू रजिस्ट्रार तरूण दास के साथ करीब एक घंटे से अधिक समय की मुलाकात के बाद नेताओं ने दावा किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया और उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क करने को कहा।
डीयू के कुलपति योगेश त्यागी और रजिस्ट्रार को बार बार फोन किए जाने और मोबाइल फोन से संदेश भेजे जाने के बावजूद इस मुद्दे पर उनका कोई जवाब नहीं मिल पाया। मुलाकात के बाद खेतान ने संवाददाताओं को बताया कि हम रजिस्ट्रार से मिले और प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में सूचना मांगी लेकिन प्रशासन ने कोई ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया।
जांच से खुलासा हुआ है कि उनकी डिग्री फर्जी है, उन्होंने यहां कभी दाखिला नहीं लिया, ना ही कोई परीक्षा दी, ना ही यहां से स्नातक की कोई डिग्री ली और यदि बीए की डिग्री नहीं ली तो एमए की वैध डिग्री लेने की संभावना ही नहीं बनती।
उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से डीयू उनकी डिग्री या दाखिले के बारे में सूचना पाने में सक्षम नहीं रहा है और सीआईसी के आदेश के बावजूद वे हमसे उनकी डिग्री देखने के लिए पीएमओ से संपर्क करने को कह रहे हैं।
गौरतलब है कि केजरीवाल के पत्र पर कार्रवाई करते हुए सीआईसी ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय से श्रीमान नरेन्द्र दामोदरदास मोदी के नाम से साल 1978 (डीयू में स्नातक) और 1983 (जीयू में स्नात्कोत्तर) की डिग्रियों के बारे में सर्वश्रेष्ठ संभव सूचना तलाशने तथा इसे यथाशीघ्र केजरीवाल को मुहैया करने को कहा था।