नई दिल्ली। मोदी सरकार जहां एक ओर चीन के साथ बेहतर संबंध बनाना चाहती है वहीं दूसरी ओर सरकार ने भारत-तिब्बत सीमा पर 96 नई चौकियां स्थापित करने का फैसला लिया है। इससे सेना को रसद की आपूर्ति आसान हो सकेगी और सैनिकों के लिए ऑपरेशन चलाना आसान होगा और चीन की घुसपैठ की कोशिशों पर भी नजर रखी जा सकेगी।
नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत और चीन के 3,488 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस की 96 नई चौकियां बनाने का फैसला लिया है। 96 नई चौकियां बनने से बॉर्डर पोस्ट्स के बीच की दूरी कम होगी और इससे जवानों के लिए कोई भी ऑपरेशन चलाना और आसान हो जाएगा। खासतौर पर बर्फ से ढके रहने वाले इस क्षेत्र में चीन की आक्रामकता और घुसपैठ की कोशिशों से भी निपटा जा सकेगा।
नई चौकियों के बनने से सैनिकों के लिए इस कठिन इलाके में ट्रैवल टाइम भी कम हो सकेगा। यही नहीं 12,000 से 18,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित चौकियों तक रसद की सप्लाई भी आसान हो सकेगी। साथ ही, चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखना भी आसान हो सकेगा। सूत्रों का कहना है कि इस मामले पर गृह मंत्रालय इस मसले पर विदेश और रक्षा मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है और जल्दी ही इन नई चौकियों के निर्माण को मंजूरी दी जा सकती है।
गृह मंत्रालय का कहना है कि 'यह भारत की आंतरिक सुरक्षा नीति से जुड़ा मसला है और इसका यह मतलब नहीं है कि हम चीन के साथ किसी तरह का तनाव चाहते हैं। बीते कई सालों से सीमा पर चौकियों को बढ़ाए जाने को लेकर बातचीत की जा रही थी और यह रूटीन प्रक्रिया है।' इसके साथ ही अब इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस की भारत-चीन सीमा पर कुल 272 चौकियां हो जाएंगी। अब तक इस सीमा पर 176 चौकियां ही हैं। अधिकारियों के अनुसार इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस की ओर से 9 और बटालियनों को नई चौकियों पर तैनात किया जा सकता है।