कोलकाता। शांति निकेतन विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मोदी मोदी के नारे के बीच अव्यवस्थाओं के लिए क्षमा मांगी।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि यहां कुछ बच्चों में इशारों में कहा कि पानी की व्यवस्था नहीं है। विश्वविद्यालय के पदेन कुलपति के नाते वहां मौजूद लोगों से क्षमा मांगी। गौरतलब है कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी।
मोदी ने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु के बिना शिक्षा नहीं मिलती। शांति निकेतन की विरासत जितनी पुरातन है, उतनी ही आधुनिक भी है। यहां से मिली शिक्षा काफी अनमोल है। गुरुदेव विश्व भारती को वसुधैव कुटुंबकम बनाना चाहते थे। वेदों से भी हमें यही शिक्षा मिलती है कि पूरा विश्व एक है।
शेख हसीना की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि बांग्लादेश और भारत एक दूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि गुरुदेव का गुजरात से भी गहरा नाता रहा है। गुरुदेव के भाई सतेन्द्रनाथ गुजरात में रहे थे। पूरी दुनिया गुरुदेव को सम्मान के साथ करती है।