जूनागढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि यदि 'स्वच्छ भारत' जैसा कार्यक्रम 70 साल पहले शुरू किया गया होता तो देश अब तक रोगमुक्त हो गया होता। मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों को लेकर उनका मजाक उड़ाया जाता है जबकि इन कार्यक्रमों का लक्ष्य स्वस्थ राष्ट्र बनाना है।
बची लाख बच्चों की जान : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान के चलते भारत में 3 लाख बच्चों की जान बची। गुजरात के जूनागढ़ जिले में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की एक हालिया रिपोर्ट में यह कहा गया है कि स्वच्छता के चलते भारत में 3 लाख बच्चों को मरने से बचाया जा सका। स्वच्छता अभियान सीधे तौर पर स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
तो अब तक रोगभुक्त हो जाता भारत : उन्होंने गुजरात मेडिकल एंड एजुकेशन रिसर्च सोसाइटी के एक नवनिर्मित अस्पताल सहित विभिन्न परियोजनाओं का उदघाटन करने के बाद यह कहा कि जब मैं स्वच्छता के बारे में बात करता हूं तब वे (विपक्ष) मेरा मजाक उड़ाया करते हैं। वे लोग कहते हैं कि क्या शौचालय बनाना, कूड़ा साफ करना प्रधानमंत्री का काम है? यदि ये सभी काम 70 साल से किए गए होते तो देश अब तक रोगमुक्त हो गया होता।
यह है सबसे बड़ा कदम : उन्होंने कहा कि देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने की ओर ले जाना स्वास्थ्य के प्रति सबसे बड़ा कदम है। इसके लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसके तहत हर 3 संसदीय क्षेत्रों के लिए एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल होगा। बाद में जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, इन संसदीय क्षेत्रों की संख्या घटाकर 2 और फिर 1 कर दी जाएगी और अंत में हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल होगा।
प्रधानमंत्री एक दिन के दौरे पर गुरुवार सुबह गुजरात पहुंचे और वलसाड़ रवाना हुए, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों ने सामूहिक गृह प्रवेश किया।