नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 से 14 नवंबर के दौरान फिलिपीन की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां वे 15वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और 12वें पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों देश आर्थिक संबंधों, वाणिज्य, निवेश, कारोबार, कौशल विकास समेत द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने पर चर्चा करेंगे।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) प्रीति सरण ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिलिपीन के राष्ट्रपति यूटाटे के बीच वार्ता के दौरान दोनों नेता क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों तथा साझे हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा आसियान देशों के साथ सम्पर्को को और गहरा बनाने और एक्ट ईस्ट नीति पर गहराई से अमल करने का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह फिलिपीन की पहली सरकारी यात्रा है। वे चौथी बार भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत आसियान वार्ता गठजोड़ के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं, साथ ही आसियान के साथ भारत के शिखर स्तरीय सहयोग के 15 वर्ष और सामरिक गठजोड़ के 5 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
सरण ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री आसियान के 50वें वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे आसियान देशों के नेताओं से भी मिलेंगे। वे वहां इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट जाएंगे, जो चावल के शोध के क्षेत्र में विषय का अग्रणी देश है। वे महावीर फिलिपीन फाउंडेशन भी जाएंगे।
विदेश मंत्रालय की सचिव कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति यूटाटे के बीच बैठक से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए और मजबूत आधार तैयार होगा। (भाषा)