नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75 मिनट का विशेष साक्षात्कार एक समाचार चैनल को दिया है। इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कालेधन पर खुलकर बातचीत की है। मोदी का कहना है कि कालेधन पर सख्त कानून बन गया है और 30 सितंबर के बाद किसी को बक्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे दलितों और वंचितों के लिए काम करते हैं, तो कई लोगों को तकलीफ होती है, लेकिन इससे उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश चुनाव विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा।
*
* राजनेताओं के बजाय खिलाड़ियों का इंटरव्यू लें, फिर देखें कि वे कितनी मेहनत करते हैं
* रियो ओलंपिक में गए 30 खिलाड़ियों को चुनें और उनका भी साक्षात्कार लें, आपको हमसे ज्यादा टीआरपी मिलेगी
* अपनी छवि बनाने के बजाय देश की छवि बनाने में मैंने अपना ध्यान लगाया
* मैं देश की सवा सौ करोड़ जनता के बीच अपने को बनाना चाहता हूं
* बचपन में किताबें पढ़ने का शौक था
* 12 साल की उम्र में मैने वाद विवाद में भाग लेना शुरु कर दिया था
* मुझ पर विवेकानंद जी का काफी प्रभाव पड़ा
* मेरी यह छवि बनाई गई है कि मैं किसी की सुनता नहीं हूं
* मैं वर्कहॉलिक हूं। लक्ष्य पर फोकस करता हं। मैं हमेशा वर्तमान में जीता हूं
* मेरी कोशिश होती है कि मैं क्लालिटी टाइम दूं
* पुराने विचारों को छोड़ने की हिम्मत चाहिए। मैं पुराने दिनों का बोझ नहीं रखता
* मेरा काम ही मेरा आराम है। काम न करने की थकान होती है
* काम करने का संतोष होता है और यह संतोष शक्ति देता है
* किसी की भी क्षमता कम नहीं होती है। आप नहीं चुनौति उठाइये आपको अपने आप क्षति मिलेगी
* अगर आप किसी फौजी को सीमा पर देखोगे तो वो जी जान से खप जाता है
* जब वही जवान जब वो अपने बेटे के साथ खेलता है तो यह नहीं कि वह बंदूक ताने खड़ा हो जाए
* मेरे भीतर भी इंसान है। मुझे क्यों अपने भीतर के इंसान को छिपाना चाहिए
* जहां तक कर्तव्य , जिम्मेदारी का सवाल है तो मुझे करना चाहिए
* जहां झुकने और तेज चलना चाहिए, वो मैं करताा हूं। असली और नकली मोदी कोई नहीं होता
* जब तक राजनैतिक चश्मे को उतारकर देखेंगे तो आपको असली मोदी नजर आएगा
* मीडिया को शिकायत है कि मैं उन्हें मसाला नहीं देता हूं
* मैंने बहुत सालों तक संगठन का काम किया है, मेरे और मीडिया के बीच कोई मार्जिन नहीं है
* मीडिया के कई लोगों के साथ मैंने गप्पे लड़ाई हैं
* सरकार के कामकाज का कठोर से कठोर एनालिसिस, क्रिटिसिजम होना चाहिए
* मीडिया के पास टीआरपी की आपाधापी है
* टीआरपी दौड़ में फंसा हुआ है मीडिया क्योकि एनालिसिस ही नहीं होता
* मैं चाहता हूं कि सरकार में मीडिया का डर जरूरी है
* ज्यादातर मीडिया हाऊस घाटे में चल रहे हैं, यदि मैं उनके लिए कुछ काम करूं तो खुशी होती है
* दिल्ली में लुटिन कल्चर के लिए मेरे पास समय ही नहीं है
* सत्ता के गलियारे में ठेकेदारी हावी, जिसने बड़ी शख्सियतों को भी नहीं बक्शा
* सरदार वल्लभभाई पटेल से लेकर देवेगौड़ा तक इसका शिकार हुए
* बाबा साहेब अम्बेडकर का भी मजाक उड़ाया गया, उनके अपने कार्यकाल में
* मेरी भी जब मजाक उड़ाई जाती है तो इसका असर मुझ पर नहीं पड़ता
* मेरे लिए देशवासी सबसे ज्यादा जरूरी है, मैं देश की जनता का जितना भला कर सकता है, करूंगा
* देश में उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार नहीं है
* भ्रष्टाचार के लिए बहुत सारे फैसले लिए गए हैं, जिससे वह खुद ही खत्म हो गए हैं
* गैस सब्सीडी सीधे खातों में जा रही है
* चंडीगढ़ में 30 लाख लीटर कैरोसीन जाता था, लेकिन वहां जिनके यहां गैस है, उनका कैरोसीन बंद हो गया
* कैरोसीन के नाम पर चंडीगढ़ में कालाबाजारी पर रोक लग गई है
* तकनीक के माध्यम से हमने भ्रष्टाचार को मात दी
* यूरिया की ब्लेक मार्केटिंग भी बंद हो गई है
* जम्मू कश्मीर की बात करते हैं तो हमें जम्मू को अकेले नहीं देखना चाहिए
* जब से देश आजाद हुआ, तभी इस समस्या के बीज बोए गए हैं
* मुझे विश्वास है कि कश्मीर के युवा भटकाव का रास्ता नहीं अपनाएंगे
* कश्मीर की जनता को विश्वास और विकास चाहिए
* भारत की सवा सौ करोड़ जनता को कश्मीर पर विश्वास है
* देश के पोलिटिकल पंडितों के दिमाग से राजनीति जाती नहीं
* देश में दुर्भाग्य से साल भर कहीं ना कहीं चुनाव चलते रहते हैं
* समय की मांग है कि जब चुनाव की तिथि घोषित हों, तब हम वहां पार्टियां जाएं
* सभी दलों को मिलकर यह सोचना होगा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ हों
* एकसाथ चुनाव हों, इस पर हम सभी राजनैतिक दलों को बैठकर सोचना होगा
* गरीब को ताकत देकर गरीबी हटेगी
* गरीबों को मुद्रा योजना का लाभ मिला
* बैंक एक दलित, एक आदिवासी और एक महिला की मदद करने का आदेश दिया
* देश में सवा लाख बैंक हैं, आप सोचिये कि इससे कितने लोगों को मदद मिलेगी
* हमने स्किल डेवलमेंट का मंत्रालय बनाया है
* देश के 80 करोड़ युवा ही देश का भाग्य बदलेंगे
* कृषि के क्षेत्र में भी विकास की काफी संभावनाएं हैं
* हम सभी का दायित्व है कि समाज की एकता को बल देना होगा
* सुख शांति के लिए भी सद्भाव जरूरी है
* सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्धता चाहिए
* विश्व को परिवार मानने वाले हम सभी के लिए सुख शांति और सद्भाव चाहते हैं
* देश में सांप्रदायिकता के मामले घटे हैं
* दलित और आदिवासियों पर अत्याचार कम हुए हैं
* सामाजिक समस्याओं की जड़ें पुरानी हैं। आज देश में दलित-आदिवासी
* हमने बाबा साहेब आंबेडकर के की 125वीं जयंति मनाई
* बाबा साहेब के लिए हमारी सरकार ने 'पंचतीर्थ' का निर्माण किया
* जहां तक कुछ दलित हिंसा की घटनाओं का सवाल है, ये निंदनीय है
* किसी भी सभ्य समाज को ऐसी घटनाएं शोभा नहीं देतीं
* मैं 14 साल तक एक राज्य में सीएम रहकर आया हूं। कानून अपना काम करता रहेगा
* इतिहास गवाह है कि मैंने राजनीतिक कारणों से एक भी फाइल कभी खोली नहीं है
* अब ऐसा कानून बनाया है कि अब कालाधन विदेश नहीं भेज सकता है
* हमने 30 सितम्बर तक सभी लोगों को कालेधन का खुलासा करने का मौका दिया
* देश के भीतर ब्लेकमनी के लिए भी परिवर्तन किए गए हैं
* ये देश की जनता का पैसा है इसे लूटने का किसी को हक नहीं है और ये मेरा कमिटमेंट है
* मुझे लगता है कि मैंने एक गलती की
* देश की बदहाल अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र लाना चाहिये था
* मैंने बदहाली का कच्चा चिठ्ठा नहीं खोला , श्वेत पत्र लाते तो राजनैतिक लाभ मिलता
* मैंने राजनीति नुकसान झेलकर राष्ट्रनीति को प्राथमिकता दी
* मैंने सुधार के लिए कोई शॉर्टकट नहीं लिया
* मैंने निराशा के भाव से देश को निकाला
* बीमार अर्थव्यवस्था को तेजी दी है
* इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में छह गुना वृद्धि हुई है
* मैं यही कहता हूं कि रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और इंफॉर्म...
* देश में कई तरह के सुधार हो रहे हैं। हमने 1700 कानून ऐसे निकाले हैं, जो सदियों पुराने हैं
* हम पुराने कानूनों को खत्म कर रहे हैं
* 20 विश्वविद्यालय यूजीसी से हटाए जाएंगे
* हम विश्व स्तरीय यूनिवरर्सिटी बनाएंगे
* मनरेगा, गैस सब्सीडी, और छात्रवृत्ति सीधे खातों में जा रही है
* 2 सालों में देश में सबसे ज्यादा निवेश आया है
* अच्छी बारिश से देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आया है
* देश में बिजली का उत्पादन बढ़ा है तो बिजली की मांग भी बढ़ी है
* मुझे लगता है कि हम अच्छी पोजिशन में पहुंच चुके हैं
* पहले देश निराश का भाव था कि सब कुछ डूब चुका है
* भारत को आशा और खोया हुआ विश्वास लौटाना पहली प्राथमिकता थी
* जीएसटी के बाद टैक्स भरने की का सिस्टम बहुत सरल हो जाएगा
* लोगों को टैक्स भरने में आसानी हो जाएगी
* राज्य और केंद्र के बीच रिश्ते मजबूत होंगे
* प्रधानमंत्री का दायित्व मिलने के बाद सवा दो साल हो गए हैं
* भारत लोकतांत्रिक देश है, जनता और मीडिया समय समय पर मूल्याकन करती है
* इस मूल्याकंन को अच्छा मानता हूं जनता ही तय करे कि मेरी सरकार कैसी रही
*जब मूल्यांकन करें तो यह जरूर देखें कि सरकार, देश का हाल क्या था