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मुंबई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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, शनिवार, 24 दिसंबर 2016 (18:35 IST)
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मुंबई के तट के पास 3,600 करोड़ रुपए में तैयार होने वाले शिवाजी महाराज स्मारक का शिलान्यास किया। भव्य स्मारक के लिए यह कार्यक्रम नगर निकाय चुनावों के कुछ महीने पहले ऐसे समय आयोजित हुआ, जब 17वीं सदी के महान शासक की विरासत पर दावा करने के लिए राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष जारी है। मोदी दक्षिणी मुंबई में गिरगाम चौपाटी बीच से होवरक्राफ्ट से स्मारक स्थल तक गए, जो तट से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। उनके साथ राज्यपाल विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी थे। 

प्रधानमंत्री  का भाषण : बेईमानों की 30 दिसंबर के बाद ‘परेशानी बढ़ने’ की चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वे अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए कोई फैसला नहीं करेंगे और व्यापक राष्ट्रहित में कठिन निर्णय लेने से नहीं हिचकिचाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने पूंजी बाजारों से अधिक कर योगदान पर जोर दिया।
 
प्रधानमंत्री ने आर्थिक राजधानी मुंबई में सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपने संबोधन में बेईमानों से कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ देश के मूड को कम नहीं आंकें। उन्होंने कहा कि बेईमान लोगों, तुम्हें देश के 125 करोड़ लोगों के मूड को कम नहीं आंकना चाहिए। तुम्हें इससे डरना चाहिए .. बेईमानों की बर्बादी का समय आ गया है। यह सफाई अभियान है। 
 
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के बाद पुराने 500, 1,000 रुपए के नोटों को बैंकों में जमा कराने की 30 दिसंबर की समय-सीमा समाप्त होने में एक सप्ताह रह जाने पर ये बातें कही हैं। बांद्रा कुर्ला परिसर में एमएमआरडीए ग्राउंड में उन्होंने कहा कि 50 दिन के बाद (आठ नवंबर के बाद से) ईमानदार लोगों की परेशानी कम होनी शुरू होगी और बेईमानों की परेशानियां बढ़ने लगेंगी।
 
प्रधानमंत्री ने इससे पहले पातालगंगा में सेबी के एक कार्यक्रम में और अधिक ‘ठोस और बेहतर आर्थिक नीतियों’ को बढ़ाने का वादा करते हुए कहा कि वह अल्पकालिक राजनीति फायदे के लिए ऐसी नीतियां नहीं लाएंगे बल्कि व्यापक राष्ट्रहित में इन्हें आगे बढ़ाएंगे। इस समारोह में केंद्रीय वित्तमंत्री अरण जेटली, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और सेबी अध्यक्ष यूके सिन्हा सहित केंद्र और राज्यों के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने कहा था कि 50 दिनों तक (नोटबंदी की घोषणा के बाद) परेशानी रहेगी। उन्होंने कहा कि लोग देशहित में इस पीड़ा को सहने को तैयार हैं। लोग आगे भी ऐसा करने को तैयार है। मोदी ने आरोप लगाया कि पूर्व की सरकारों के दौरान पिछले 70 वर्षों में जिन लोगों ने भ्रष्टाचार से फायदा उठाया, वे लोग यह सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा रहे है कि नोटबंदी को विफल बनाया जाए।
 
जो लोग 70 वर्षों तक भ्रष्ट कार्यो में लिप्त रहे, उन्हें ऐसे कार्यो के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि समय बदल गया है और 30 वर्षों के अंतराल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार सत्ता में आई है। इसे नहीं भूला जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि देश बदलेगा, आगे बढ़ेगा और दुनिया में सिर ऊंचा करके आगे बढ़ेगा।
 
उन्होंने कहा कि अगर भारत को सही मायने में पेश किया जाता है, तब उसमें वैश्विक पर्यटन को आकर्षित करने की क्षमता है। आजादी के बाद अगर हमने विकास के मार्ग को अपनाया होता, तब हमें उन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता जैसा आज करना पड़ रहा है।
 
मोदी ने कहा कि विकास सतत होना चाहिए और इसे गरीबों के सपनों को साकार बनाने में मददगार होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास गरीबों के लिए वहनीय दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। जब हम सत्ता में आए थे तब 18 हजार गांवों में बिजली नहीं थी, हमने 1000 दिनों में इन गांवों में बिजली पहुंचाने का निर्णय किया। इस अवसर पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे और उन्होंने भी लोगों को संबोधित किया। जब उन्होंने बोलना शुरू किया तब भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोदी, मोदी के नारे लगाए। (एजेंसियां)

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