Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राहुल ने उड़ाया था मजाक, ये हैं नाले की गैस से चाय बनाने वाले शख्स, मोदी ने सुनाई थी कहानी

हमें फॉलो करें राहुल ने उड़ाया था मजाक, ये हैं नाले की गैस से चाय बनाने वाले शख्स, मोदी ने सुनाई थी कहानी
, मंगलवार, 14 अगस्त 2018 (14:12 IST)
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में एक शख्स को नाले से निकली गैस का इस्तेमाल कर चाय बनाने की तकनीक का जिक्र किया था। उनके इस बयान का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ाया गया था, यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन पर तंज कसते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम है 'नाले से गैस निकालो और पकौड़े बनाओ'। अब वे शख्स खुद सामने आए हैं...


अब ये तय हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी का ये किस्सा झूठा नहीं है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले श्याम राव शिर्के ने दावा किया है कि उन्होंने बायो-सीएनजी से बनने वाला एक मिनी कलेक्टर बनाया था, जो नालों की गैस का इस्तेमाल कर खाना पकाने के काम आ सकती है। प्रधानमंत्री ने 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस (बायोफ्यूल डे) पर बेंगलुरु में एक प्रोग्राम को संबोधित करते हुए नाले की गैस से चाय बनाने वाले एक शख्स का किस्सा सुनाया था। इस उदाहरण के बाद कांग्रेस समेत कई लोगों ने पीएम मोदी का मजाक उड़ाया था।

श्याम राव शिर्के के अनुसार, मैंने नालियों से पानी इकट्ठा किया। पानी के बुलबुले इकट्ठा करने के लिए मिनी 'कलेक्टर' बनाया। गैस होल्डर के लिए मैंने एक ड्रम का इस्तेमाल किया। मैंने जब इसका परीक्षण किया तो यह काम करने लगा। इसे मैंने गैस स्टोव से जोड़ा और फिर चाय बनाई। फिर मैंने इसे उस घर में लगाया, जहां चार-पांच महीने के लिए खाना बनाया।' श्याम राव का दावा है कि उनके नाम पर इस मशीन का पेटेंट भी है। यह राष्ट्रीय हित में है।

उन्होंने कहा, नाला मीथेन गैसों और प्रदूषण को उत्सर्जित कर रहा है। इसी तरह के कुछ और ईंधन बनाने के लिए आगे जाकर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। 'छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी' ने इस इनोवेशन को अगले स्तर पर ले जाने के लिए कुछ पैसे दिए थे। जब मैंने इसे नाले में लगाया तो तीन दिनों में काफी गैस इकट्ठा हो गई थी, लेकिन, इसी बीच नगर निगम के लोगों ने मशीन को बेकार कहकर फेंक दिया। कुछ लोगों ने मुझे एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा। हालांकि तब मैं बहुत दुखी था, इसलिए रिपोर्ट नहीं लिखवाई।

उन्होंने बताया, इस मशीन और नाली के गैस से खाना पकाने पर उन्होंने आवेदन भी लिखा था, जिसे वैज्ञानिकों को भेजा गया था। हालांकि उस घटना को दो साल हो चुके हैं। अब तक कोई काम नहीं हुआ। आवेदन पर कोई बात आगे नहीं बढ़ने पर मैं इसे भूल गया था, लेकिन हाल में पता चला कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में उनके आविष्कार का जिक्र किया है। शिर्के कोई इंजीनियर नहीं हैं वे सिर्फ 11वीं तक पढ़े हैं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में ऐसे कई प्रयोग किए हैं।

क्या कहा था पीएम मोदी ने : 10 अगस्त को बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, मैंने एक अखबार में पढ़ा था कि एक शहर में नाले के पास एक व्यक्ति चाय बेचता था। उस व्यक्ति के मन में विचार आया कि क्यों न गंदी नाली से निकलने वाले गैस का इस्तेमाल किया जाए। उसने एक बाल्टी को उल्टा कर उसमें छेद कर दिया। उसमें पाइप लगा दिया। अब गटर से जो गैस निकलती थी, उससे वो चाय बनाने लगा।

राहुल गांधी ने कसा था तंज : प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुटकी ली थी। कर्नाटक के बीदर में रैली करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, प्रधानमंत्री मोदी ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात की और अब कहते हैं पकौड़े बनाओ। हम आपको गैस नहीं देंगे। गैस भी आपको नाले से निकालनी होगी। राहुल ने तंज कसते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम है 'नाले से गैस निकालो और पकौड़े बनाओ'।

कैसे काम करती है यह तकनीक : शिर्के ने बताया कि मैंने नाले से पानी इकट्ठा कर उसके लिए एक मिनी कलेक्टर बनाया ताकि पानी से निकलने वाले गुबारों को इकट्ठा किया जा सके। इसके बाद गैस को इकट्ठा करने के लिए एक ड्रम का इस्तेमाल किया। यह प्रयोग सफल रहा। मैंने यहां निकली गैस को स्टोव से कनेक्ट कर दिया और फिर चाय बनाई। शिर्के का कहना है नाले से निकलने वाली खराब गैस पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है। लेकिन अब इसका इस्तेमाल ऐसी चीजों के लिए किया जा सकता है। इतना ही नहीं उन्‍होंने अब नाले और कीचड़ से निकलने वाली गैस का भी पेटेंट करा लिया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वह 5 गीत जिन पर अंग्रेज शासन ने लगाई थी पाबंदी, आजादी के परवानों ने रचे थे ऐसे दिल दहला देने वाले गीत...