जीएसटी काउंसिल द्वारा करीब 200 वस्तुओं की दरों में कमी के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि ये सब चीजें और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी। ऐसा हुआ नहीं, इन चीजों और सेवाओं के दाम बढ़ा दिए गए और ग्राहकों को इसका फायदा नहीं मिला। ऐसे में अब सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए नेशनल एंटी प्रॉफिटिंग अथॉरिटी बनाने का ऐलान किया है।
सरकार ने घोषणा की कि वो जीएसटी के तहत नेशनल एंटी प्रॉफिटिंग अथॉरिटी बनाएगी ताकि टैक्स में जो कटौती की गई है, उसका फायदा लोगों तक मिल सके।
केंदीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी देश के उपभोक्ताओं के लिए एक विश्वास है। यदि किसी ग्राहक को लगता है कि उसे घटी टैक्स दर का लाभ नहीं मिल रहा है तो वह अथॉरिटी में इसकी शिकायत कर सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती हैं कि GST स्लैब में आए बदलावों का पूरा लाभ आम आदमी तक पहुंचे।
अगर किसी कस्टमर को लगता है कि जीएसटी के तहत उससे ज्यादा पैसे लिए गए हैं तो वह इसकी शिकायत वह अथॉरिटी की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने कर सकता है। अगर मामला ऐसा है जिससे कई राज्य के लोगों पर असर हो सकता है तो शिकायत सीधे स्टैंडिंग कमेटी के सामने रखी जा सकती है।