Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अमरनाथ यात्रा का पहला जत्‍था 1 जुलाई को होगा रवाना

Advertiesment
हमें फॉलो करें अमरनाथ यात्रा का पहला जत्‍था 1 जुलाई को होगा रवाना
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। शुक्रवार यानि 1 जुलाई की सुबह पहला जत्था बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा के लिए रवाना होगा। अगर मौसम ने साथ दिया तो 2 जुलाई की शाम को पहले जत्थे के श्रद्धालु 14500 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले हिमलिंग के प्रथम दर्शन करेंगे। यात्रा में शामिल होने जा रहे लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक 150 से अधिक लंगरों की व्यवस्था स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा की गई है। यही नहीं सेना समेत एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी करीब 46 दिनों तक लखनपुर से लेकर गुफा तक श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहेंगे।
प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालुओं को पहलगाम तथा बालटाल के रास्ते यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। अभी तक करीब 3.5 लाख श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण विभिन्न माध्यमों से करवाया है जबकि 30 जून से ऑन स्पाट पंजीकरण की भी घोषणा कर दी गई है।
 
यात्रा का मुख्य बेस कैंप जम्मू के यात्री भवन में बनाया गया है जहां पिछले कई दिनों से चल रही तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। हालांकि इस बार मानसून जल्दी आने से श्रद्धालुओं को चिंता इस बात की है कि खराब मौसम से परेशानी यात्रा मार्ग में भी हो सकती है। दोनों मार्गों पर दो दिनों से मौसम बार-बार आंख-मिचौनी खेल रहा है।
 
जम्मू से लेकर बालटाल तथा पहलगाम तक के यात्रा मार्ग की सुरक्षा को केरिपुब के हवाले किया जा चुका है। पहलगाम से गुफा तथा बालटाल से गुफा तक के रास्तों पर सेना और बीएसएफ भी स्थानीय पुलिस का साथ दे रही है। अनुमानतः कुल एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी यात्रा के मोर्चे पर तैनात किए जा चुके हैं। यही नहीं राज्य सरकार के मंत्री से लेकर संतरी तक सभी का ध्यान अब अमरनाथ यात्रा के प्रति ही इसलिए है क्योंकि यह अब धार्मिक से राष्ट्रीय यात्रा का रूप धारण कर चुकी है जिस कारण आतंकी नजरें भी इस पर टिकी हुई हैं।
 
अनुमानित आने वाले करीब 6 लाख श्रद्धालुओं के लिए 150 से अधिक लंगरों की स्थापना के साथ-साथ ठहरने की व्यवस्थाओं का इंतजाम अंतिम चरण में था। स्वास्थ्य सेवाएं हाईअलर्ट पर कर दी गई थीं क्योंकि पिछले कई सालों से यात्रा में शामिल होने वालों में 100 के करीब प्रतिवर्ष हृदयगति रूकने से मौत के मुंह में जा रहे हैं।
 
इतना जरूर था कि आतंकी तैयारियों में कहीं ढील नहीं थी। इसकी पुष्टि वे सुरक्षाधिकारी कर रहे हैं जिनके जिम्मे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का भार है। इन अधिकारियों ने बताया कि ऐसे वायरलैस संदेश सुने गए हैं तथा मारे गए आतंकवादियों के कब्जे से बरामद दस्तावेज दर्शाते हैं कि आतंकवादियों ने अब रणनीति को बदलते हुए पर्यटकों और अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की तैयारियां की हैं।
 
ऐसे में केंद्र की ओर से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को अमरनाथ यात्रा मार्ग, गुफा के आसपास के इलाकों और यात्रियों की सुरक्षा की खातिर आधार शिविरों और राजमार्ग पर तैनात किया जा रहा है। अंदाजन एक लाख सुरक्षाकर्मियों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया है। इसमें वे सैनिक शामिल नहीं हैं जो रूटीन में आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में अपने आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते रहते हैं।
 
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों और उनकी हरकतों पर नजर रखने के लिए वायुसेना की भी मदद मांगी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अमरनाथ यात्रा पहाड़ों से होकर गुजरती है और पहाड़ों के चप्पे-चप्पे पर सैनिकों को तैनात नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी अमरनाथ यात्रा के जत्थों की सुरक्षा के लिए वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया गया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पोर्श की शानदार कार, शानदार फीचर्स आपको बना देंगे दीवाना