हैदराबाद। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को श्रीनगर में आतंकवादियों के हमले में 8 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना को देश के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए हताशाभरा प्रयास करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
हाल के वर्षों में सुरक्षाबलों पर सबसे घातक हमले में शनिवार को 8 सीआरपीएफ जवान उस समय शहीद हो गए थे, जब आतंकवादियों ने श्रीनगर के पास पंपोर में उन्हें लेकर जा रही बस पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। इस घटना में 21 अन्य गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। माना जा रहा है कि यह घटना लश्कर-ए-तैयबा का फिदायीन हमला था।
रिजिजू ने यहां कहा कि घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम आतंकवादियों द्वारा इस तरह के घातक हमले की निंदा करते हैं और हम दिवंगत शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं तथा पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि झेलम नदी के पास हमले के वक्त सीआरपीएफ दल फायरिंग रेंज से मुख्यालय की तरफ लौट रहा था। यह दर्दनाक घटना है, जहां हमारे 8 जवानों को प्राण न्योछावर करने पड़े।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्थिति चुनौतीपूर्ण है। जो लोग चरमपंथ में विश्वास रखते हैं, वे बहुत हताश हैं, क्योंकि हमें बहुत सक्रिय प्रधानमंत्री मिले हैं और भारत बहुत अच्छी तरह प्रगति कर रहा है इसलिए वे भारत को समृद्धि के नए स्तर पर ले जाने के सरकार के प्रयासों को रोकने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे देश के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए हताशाभरे प्रयास कर रहे हैं। ये हताशाभरे प्रयास हैं, लेकिन हम प्रतिबद्ध हैं और जरूरी कार्रवाई एवं प्रतिक्रिया की जाएगी। अधिकारियों को पूरी स्थिति की समीक्षा करने के बाद मौके से वापस आने दीजिए।
रिजिजू ने कहा कि (हमले की जिम्मेदारी को लेकर) संगठनों द्वारा दावे किए जा सकते हैं लेकिन हमें स्थिति का पूरा आधिकारिक आकलन करना है। हमारे डीजी (सीआरपीएफ) से वहां जाने को कहा गया है और अन्य अधिकारी श्रीनगर पहुंचे हैं।
इस घटना पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित द्वारा दिए गए बयान से जुड़ी खबरों पर रिजिजू ने कहा कि उन्हें इस तरह के बयान देने की आदत है और पूरा विश्व देख रहा है। मैं राजनीतिक बयान नहीं देना चाहता। मुझे लगता है कि विदेश मंत्रालय और पीएमओ इस पर प्रतिक्रिया दे सकता है।
एक अन्य सवाल पर मंत्री ने कहा कि पश्चिम की तरफ नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ कम हुई है। प्रयास बढ़े हैं लेकिन सफलता के स्तर में बहुत कमी आई है और इसलिए इस तरह के हताशाभरे प्रयास किए जा रहे हैं तथा वे स्तर बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन खुद में घुसपैठ कम हुई है।
पठानकोट मामले पर उन्होंने कहा कि हम तारीख का इंतजार कर रहे हैं, जो पाकिस्तान को देनी है और जैसे ही तारीख का पता चलता है हमारे लोग (एनआईए टीम) तैयार हैं। (भाषा)